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Coronavirus In India:फिर बढ़ रहे कोरोना के मामले,एक्सपर्ट से जानें सावधानी,प्रीकॉशन समेत अन्य जरूरी डिटेल

Coronavirus In India:देश में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं. ऐसे में समय में जरूरत है कि लोग एक बार फिर से सतर्क हो जाएं. मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और प्रीकॉशन डोज जरूर लगवाएं. वर्तमान समय में कोरोना वायरस के मामलों से संबंधित जरूरी सवालों के जवाब एक्सपर्ट से जानें.

Coronavirus In India: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के केसेज एक बार फिर डराने लगी है. पिछले कई दिनों से मामले आठ हजार के करीब आ रहे हैं जबकि एक्टिव केस भी 50 हजार तक पहुंच गये हैं. बढ़ते कोरोना मामलों के बीच डॉ रचित भूषण से जानें हमें किन चीजों में अभी सावधानी बरतने की जरूरत है और जो लोग पहले भी संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें क्या करने की ज्यादा जरूरत है ? प्रीकॉशन डोज और बच्चों के वैक्सीन को लेकर इनकी राय जानें.

पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले बढ़ें, क्या ये देश में चौथी लहर का संकेत है?

अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्यों मामले दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में बढ़े हैं. छोटे शहरो के लोगों के लिए निश्चित रूप से ये सतर्क हो जाने का समय है. सावधानियां अभी से बरतें ताकि केसेज आगे न बढ़ें और आप सुरक्षित रहें.

महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सबवैरिएंट मिले हैं इससे झारखंड को कितना खतरा है?

सब वैरिएंट तो आते रहते हैं. डेल्टा फिर ओमिक्रॉन फिर उसके सब वैरिएंट कुल मिला कर वायरस म्यूटेंट होता रहेगा और हर म्यूटेशन के लिए वैक्सीन बनाना भी संभव नहीं है. किसी भी सरकार या देश के लिए यह संभव नहीं. ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है सावधानी बरतना. जरूरी नहीं कि नया म्यूटेशन खतरनाक ही हो. ट्रैवल हिस्ट्री पर नजर रखना बहुत जरूरी है. भारत में फिर केशेज बढ़ रहे इसका मतलब है कि लोग फिर बाहर जा रहे और वहां से संक्रमित होकर आ रहे. ऐसे में कहीं भी जाएं तो मास्क जरूर लगाएं.

दवा की दुकानों में अभी बुखार और सर्दी खांसी की समस्या को लेकर लोगों की भारी भीड़ है यह वायरल फीवर या कोरोना किससे से संबंधित हो सकते हैं ?

संभावना दोनों ही हो सकती है जबक तक की रिपोर्ट न आ जाए. कम बुखार की समस्या में दवाएं ले कर कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन दवा लेने के बाद भी यदि बुखार और सिम्टम्स न जाएं तो आरटीपीसीआर, सीटी स्कैन करा लेनी चाहिए. लेकिन अभी यहां कोरोना से संबंधित किसी तरह के केशेज नहीं दिख रहे.

इस समय में प्रीकॉशन डोज कितना जरूरी है?

कोविड को रोकने के लिए वैक्सीन का योगदान महत्वपूर्ण है. ऐसे में प्रीकॉशन डोज लोगों को जरूर ले लेना चाहिए. आप ने जो भी वैक्सीन 9 महीने पहले ली है उसी का एक डोज प्रीकॉशन डोज के रूप में लेनी चाहिए. क्योंकि 9 महीने बाद वैक्सीन का असर कम होने लगता है. बूस्टर डोज लेने से एंटी बॉडी फिर से अच्छी मात्रा में बन जाते हैं.

वर्तमान समय में ऐसी कौन सी चीज है जो हम नहीं कर रहे लेकिन हमें कोरोना से बचने के लिए वह काम करने की जरूरत है?

वर्तमान समय में लोगों ने मास्क पहनना बिल्कुल छोड़ दिया है लेकिन जब लोग भीड‍़ वाले एरिया में जाते हैं तो मास्क जरूर पहनें. रेगुलर एक तरह का एक्सरसाइज जरूर करें जो लंग्स और कार्डियक से रिलेटेड हो. ऐसे में दोबार कोरोना हो भी जाए तो लोग आसानी से उबर सकते हैं वरना लंग्स के इंफेक्शन बढ़ने के चांस होंगे. कोई स्पोर्ट्स खेलें.

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बच्चों के वैक्सीन के बारे में बताएं, कितने वैक्सीन लग रहे और कहां दिक्कत आ रही है?

बच्चे और उनके पैरेंट्स को कोविड वैक्सीन लेने को लेकर अवेयर करने की जरूरत है क्योंकि स्कूल समेत अन्य वजहों से वे वैक्सीन को अवाइड कर रहे हैं. इस मामले में स्कूल्स को भी इनिशिएटिव लेनी चाहिए.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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