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Exclusive: आमिर खान बोले- मैं हार नहीं मानता हूं, Laal Singh Chaddha के बारे में बताई दिलचस्प बातें

बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा को लेकर काफी बज है. फिल्म को दर्शक 11 अगस्त को सिनेमाघरों में देख सकते है. इस फिल्म के लिए एक्टर ने काफी मेहनत की है. बता दें कि इस मूवी में करीना कपूर खान, नागा चैतन्य और मोना सिंह अहम रोल में है.

आमिर खान की फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है. आमिर अपनी इस फ़िल्म को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट करार देते हैं. फ़िल्म में उनके किरदार को 18 साल से 47 की उम्र तक दिखाया गया है. फ़िल्म कई अलग -अलग लोकेशंस पर शूट हुई है. इस फ़िल्म की पूरी जर्नी को आमिर बेहद चुनौतीपूर्ण करार देते हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गम्प से यह फ़िल्म प्रेरित है,भारतीय दर्शकों के मद्देनजर क्या बदलाव हुए हैं?

हमारी फ़िल्म ज़्यादा से ज़्यादा ऑरिजिनल से प्रेरित है,लेकिन हमने भारतीय दर्शकों के अनुसार कुछ बदलाव भी किए हैं. हॉलीवुड फिल्म में कुछ एडल्ट दृश्य थे,जिसे हमने अपनी फिल्म में नहीं लिया है,क्योंकि हम चाहते हैं कि पूरे परिवार के साथ लोग इस फ़िल्म को देखने जाए.

फ़िल्म में अपने लुक को आपने कैसे तय किया था?

मैं जिस जिम में जाता हूं,वहां एक सरदार जी भी आते थे, मुझे उनका लुक बहुत पसंद आया. मैंने उनसे बात की कि मैं अपनी अगली फिल्म में सरदार बनने वाला हूं क्या मैं उनके लुक की कॉपी कर सकता हूं. वे खुशी- खुशी राजी हो गए. मैंने उनकी एक तस्वीर रेफरेन्स के लिए खींचकर रख ली.

फ़िल्म के लिए क्या आपने रियल दाढ़ी बढ़ाई है?

हां मैंने अपनी दाढ़ी छह इंच तक बढ़ायी है. इसमें छह महीने लगा था. अपनी असली दाढ़ी के नीचे मैंने एक्सटेंशन का इस्तेमाल किया था. वैसे मैं और दाढ़ी को बढ़ा सकता था,लेकिन इस प्रोसेस के दौरान एक बार को लगा कि मैं इस फिल्म के लिए परफेक्ट नहीं हूं. फिल्म के राइट्स लेने में हमको बहुत समय लग गया था. जब मुश्किल से राइट्स मिले तो मैंने दाढ़ी बढ़ानी शुरू की. छह महीने तक दाढ़ी बढ़ा ली. हमारे पास छह महीने का और वक़्त था. इस बीच क्या हुआ जो मेरे बेटे हैं जुनैद वो गए थे थिएटर पढ़ने , उनको थिएटर का शौक है. अमेरिकन ड्रामेटिक कमिटी ऑफ़ आर्ट्स से. दो साल वहां उन्होंने कोर्स किया था और वो लौटे थे. उस वक़्त हमारी लाल सिंह चड्ढा को लेकर तैयारी चल रही थी. मैंने अद्वैत को कहा कि यह बहुत मुश्किल फिल्म है. आपने सीक्रेट सुपरस्टार बनायी है, लेकिन ये बहुत कॉम्प्लेक्स फिल्म है, इसलिए आप इसका टेस्ट शूट करो. मैं आपको ऐसे छह से सात सीन दे रहा हूं. मुझे देखना है कि आप इस विषय के साथ न्याय कर सकते हैं या नहीं. जुनैद भी उस वक़्त आ गया था. मैंने अद्वैत को बोला कि आप जुनैद को लाल के रोल में ले लो. दोनों चीज़ें हो जाएंगी. बेटा क्या सीखकर आया है ,वो भी हो जायेगा और आपका टेस्ट भी हो जायेगा. दो हफ्ते बाद शूट हुआ. जब शॉट्स को हमने देखा, तो हम हक्का बक्का रह गए थे. अद्वैत का काम अच्छा था. जुनैद का बहुत अच्छा था. मैंने जुनैद को पहली बार परदे पर परफॉर्म करते हुए देखा था. वो पूरी तरह से किरदार बन गया था. मुझे समझ नहीं आया कि अब मैं लाल कैसे करूंगा , क्यूंकि मेरे लिए जुनैद ही लाल था. मैंने अपने दोस्तों से बात की. सबको वो सारे फुटेज़ दिखाए. ९८ प्रतिशत लोगों ने कहा कि ये रोल जुनैद को करना चाहिए. सिर्फ दो लोगों ने बोला कि इसको नहीं करना चाहिए एक था आदित्य चोपड़ा और एक थे अतुल कुलकर्णी. उनका कहना था कि ये फिल्म किसी न्यूकमर को नहीं करना चाहिए. एक स्टार की ज़रूरत है, जो कहानी को अपने कन्धों पर रख सकें, इसलिए हॉलीवुड में भी टॉम हैंक्स को लिया गया. इसके अलावा फिल्म का जो कालखंड है. उसमें जुनैद पैदा भी नहीं हुआ था. फिल्म ७० के दशक पर है. उसके बाद मुझे क्लैरिटी हो गयी कि मुझे ये फिल्म करना चाहिए, लेकिन इस पुरे वाकये में मैंने अपनी दाढ़ी कटा ली थी क्यूंकि मुझे लगने लगा था कि जुनैद ही करेगा. जब तय हुआ कि तो फिर मुझे दाढ़ी बढ़ानी पड़ी.मैं बताना चाहूंगा कि मैंने जुनैद के दृश्यों से प्रेरणा ली. उसने क्या सुर पिच किया है. ये मुझे देखने को मिल गया था.

लाल सिंह के किरदार की क्या कुछ बातें आप अपने साथ रखना चाहेंगे?

काश कि लाल सिंह की कुछ खूबियां मेरे साथ रह जाए. बहुत ही मासूम सा किरदार है. दिल में उसके खोट नहीं है.उसके खिलाफ कोई कुछ बुरा कर भी दे तो वह उसका बुरा नहीं चाहता है. उसके किरदार की एक कमाल की खासियत ये भी है कि उसे पता है कि अपने अतीत को कैसे पीछे छोड़ना है. जो हम नहीं कर पाते हैं.

करीना के साथ एक बार फिर आप फ़िल्म कर रहे हैं?

मुझे हमेशा से करीना बहुत ही कमाल की अभिनेत्री लगती हैं , मैंने उनका काम पहली बार फिल्म कभी ख़ुशी कभी गम में देखा था. मुझे उनका पू वाला किरदार बहुत पसंद आया था. वह कमाल की इंसान भी हैं. वह मेरी खिचाई भी बहुत करती हैं. उसने अभी तक फिल्म देखी नहीं है. मैंने उसको बोला कि फ़िल्म देख ले, वह बोलती है कि वो फिल्म रिलीज के वक़्त ही देखेगी, लेकिन कमाल की बात है कि वह बिना देखे ही मुझे राय देती है कि ये सीन ऐसा होना चाहिए. वो सीन ऐसा. वो वाला सीन मत डालना भूलना.

इस फ़िल्म के लिए करीना का आपने ऑडिशन भी लिया है?

हां, वो ज़रूरी था. डायरेक्टर को लुक टेस्ट से यह मौका मिलता है यह जानने का आप उस रोल में कितना जंच रहे हो या नहीं. मैं भी ऑडिशन देता हूं. किरण एक फ़िल्म बना रही हैं लापता लेडीज. इस फ़िल्म का ट्रेलर लाल सिंह के साथ ही आ रहा है. मैंने उस फिल्म के लिए लुक टेस्ट दिया था ,लेकिन किरण जी ने मुझे लापता लेडीज में नहीं लिया. मैं उन दिनों लाल सिंह चड्डा की शूटिंग कर रहा था. लापता लेडीज की शूटिंग भी शुरू थी. समय भी नहीं था मेरे पास. हम ने साथ में तय किया कि अगर कोई नहीं मिला तो मैं बैकअप के तौर पर रहूंगा.

आप रिजेक्शन को लाइफ में कैसे लेते हैं?

हर आम आदमी की तरह रिजेक्शन से मैं भी उदास होता हूं. मुझे याद है कि मैं इंटर कॉलेज में हिंदी प्ले के ऑडिशन में रिजेक्ट हो गया था. मैं दुखी था. मैंने फिर नोटिस बोर्ड पर देखा कि गुजराती प्ले का ऑडिशन जारी है. नोटिस पर यह लिखा था कि 30 से 40 कोरस के लोग चाहिए ,मुख्य एक्टर के अलावा. मुझे लगा कि कोरस में तो कम से कम मुझे मौका मिल जाएगा. मैं हार नहीं मानता हूं. एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा खोल देना चाहिए. काम को लेकर यह मेरा अप्रोच रहता है.

हॉलीवुड स्टार टॉम हैंक्स से क्या आप मिले हैं और आपदोनों की अक्सर जो तुलना होती है उस पर क्या कहना है?

टॉम हैंक्स से मैं मिला हूं,लेकिन हमारी ज़्यादा बातचीत नहीं हुई है. जहां तक बात तुलना की है,तो हां लंबे समय तक लोगों ने कहा कि टाॅम हैंक्स और मैं एक जैसे दिखाई देते हैं. हालांकि यह पहली बार है कि हम दोनों ने एक ही कहानी पर फिल्म की है. जब लोगों ने मुझे इतना बोलना शुरू किया तो मैंने टॅाम को गौर से देखना शुरू किया. मुझे नहीं लगता कि वह मेरी तरह दिखते हैं, एक्टिंग भी मेरी तरह है. मुझे वो अलग नजर आते हैं. मैं यह मानता हूं कि लोगों को ऐसा लगता है. मेरे ख्याल से लोगों को हमारी एनर्जी एक जैसी लगती है.

पिछले दो सालों में बॉक्स ऑफिस का गणित बिल्कुल अलग हो गया है क्या यह बातें प्रेशर दे रही हैं?

हम चाहते हैं कि फिल्म को ज्यादा लोग देखे. कोविड के बाद कई तरह के बदलाव आए हैं. हमने मेहनत करके फिल्म बनाई है. फिक्र तो लगी रहती है,लेकिन कई सारी फिल्में चली भी हैं. गंगूबाई, भूल भुलैया2, द कश्मीर फाइल्स चली है. मैंने सुना कि पुष्पा ने डेढ़ करोड़ का ओपनिंग लिया था, फिर 100 करोड़ के ऊपर का बिजनेस किया. वर्ड आफ माउथ से फ़िल्म चली है. जब दर्शकों को फिल्म पसंद आएगी तो वह चलेगी. साउथ की फिल्में ही पसंद आ रही हैं. ये भी नहीं है, वरना गंगूबाई काठियावाड़ी और कश्मीर फाइल्स नहीं चलती थी.

पहले के मुकाबले दर्शक अभी भी थिएटर कम जा रहे हैं,इसकी क्या वजह आप मानते हैं?

मेरे ख्याल से कोविड के कारण फिल्में ओटीटी पर जल्दी आने लगे हैं. लोगों को लगता है कि थोड़ा रुक जाऊं तो घर पर देख लूंगा. मेरी फिल्मों के साथ ऐसा नहीं होगा. लाल सिंह चड्ढा छह महीने तक ओटीटी पर नहीं आएगी. हम चाहते हैं कि लोग सिनेमा में देखें. सिनेमा के लिए फिल्म बनाई गयी है.

अक्षय कुमार की फ़िल्म रक्षाबंधन के साथ आपकी फ़िल्म का क्लैश है?

हां, हम एक ही दिन पर आ रहे हैं. मुझे रक्षाबंधन का ट्रेलर अच्छा लगा. मैंने निर्देशक से बात भी की. भाई-बहन की एक भावुक कहानी है. दोनों पारिवारिक फिल्म है. उम्मीद है कि दोनों ही फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी. बहुत दफा हमारी फिल्में साथ आती है. फिल्म अच्छी होगी, तो दोनों ही चलेगी. सनी देओल और मेरी फिल्में कई दफा आय़ी हैं. साथ में और चली भी हैं.

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