19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Movie Review : फिल्म देखने से पहले जानें कैसी है तापसी पन्नू की Game Over

फिल्म : गेम ओवर निर्माता : अनुराग कश्यप निर्देशक : अश्विन कलाकार : तापसी पन्नू, विनोदिनी और अन्य रेटिंग : तीन उर्मिला कोरी हिंदी सिनेमा विज्ञान और फंतासी की कहानियों को मिलाकर मुख्यधारा की फिल्मों में जोड़ने में हमेशा ही संघर्ष करता नजर आया है, लेकिन साउथ फिल्म की हिंदी रीमेक गेम ओवर इसका एक […]

  • फिल्म : गेम ओवर
  • निर्माता : अनुराग कश्यप
  • निर्देशक : अश्विन
  • कलाकार : तापसी पन्नू, विनोदिनी और अन्य
  • रेटिंग : तीन

उर्मिला कोरी

हिंदी सिनेमा विज्ञान और फंतासी की कहानियों को मिलाकर मुख्यधारा की फिल्मों में जोड़ने में हमेशा ही संघर्ष करता नजर आया है, लेकिन साउथ फिल्म की हिंदी रीमेक गेम ओवर इसका एक अच्छा उदाहरण है.

फिल्म का पहला दृश्य ही आपके रोंगटे खड़े कर देता है. जब एक 27 वर्षीय लड़की का कत्ल हो जाता है. कातिल उसके सर को उछाल रहा है, तो उसके धड़ को आग के हवाले कर रहा. इस दृश्य के बाद तापसी पन्नू के किरदार की एंट्री होती है. वो एक बड़े से घर में अपनी कामवाली विनोदिनी के साथ रह रही है.

तापसी का किरदार मानसिक बीमारी से ग्रस्त है. अतीत में उसके साथ कुछ घटा है. वो तारीख वापस आने को लेकर वो बहुत ज्यादा परेशान है. उसे पैनिक अटैक आ रहे हैं. परेशानी सिर्फ यही नहीं है.

कहानी में एक और भयानक मोड़ तब आता है, जब तापसी को मालूम पड़ता है कि उसके हाथ पर बना टैटू आम टैटू नहीं, बल्कि मेमोरियल टैटू है, जिसमें मरे हुए इंसान की अस्थियों की राख होती है और उसके टैटू में उस लड़की की राख है जिसका फिल्म के पहले दृश्य में बेदर्दी से कत्ल कर दिया गया है.

तापसी के किरदार का क्या होगा? आगे की कहानी हॉरर थ्रिलर के ऐसे ताने-बाने में बुनी गयी है, जो आपके रोंगटे खड़े कर देता है. कहानी थ्रिलर और हॉरर के साथ-साथ टेक्नोलॉजी से भी जुड़ी है.

कहानी को जिस तरह के गेम के अंदाज में बयां किया गया है, वह नया है. यह नया प्रयोग स्वागत योग्य है. हालांकि कई सीन आपको कंफ्यूज भी करते हैं कि ये कैसे हुआ, लेकिन जब फिल्म खत्म हो जाती है तो वो सवाल आपके लिए ज्यादा मायने नहीं रखते हैं.

कुछ इस कदर फ़िल्म प्रभावित करती है. फिल्म का क्लाइमेक्स अलग है. फिल्म मेन्टल ट्राॅमा जैसे गंभीर मुद्दे को छूती है. इसके साथ ही महिलाओं को लेकर हमेशा समाज जजमेंटल रहा है, फिर चाहे वह पीड़ित ही क्यों न हो, इस बात को भी कहानी में जोड़ा गया है.

अभिनय की बात करें, तो फिल्म दर फिल्म बेहतरीन होती जा रही तापसी ने अपने किरदार में फिल्म के हर भाव, फिर चाहे वह डिप्रेसन हो, बेबसी हो या फिर डर, सभी को बखूबी जिया है. साथी कलाकार विनोदिनी ने उनका बखूबी साथ दिया है. बाकी के किरदार ठीक-ठाक रहे हैं.

फिल्म के निर्देशक अश्विन की तारीफ करनी होगी. उन्होंने फिल्म के हर विधा में बेहतरीन काम करवाया है. अपने तकनीशियनों से सर्वश्रेष्ठ निकाला है. रॉन एथन का बैकग्राउंड स्कोर और बसंत की सिनेमेटोग्राफी फिल्म के दो सबसे बड़े एसेट साबित होते हैं.

कुल मिलाकर यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि न्यू एज सिनेमा का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी देखी जानी चाहिए.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel