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बर्थडे: जानें ”हीरो नंबर 1” गोविंदा के बारे में ये खास बातें…

गोविंदा उन कलाकारों में से हैं जिनकी तुलना संभव नहीं है. गोविंदा की डायलॉग डिलीवरी, दमदार डांस, हाजिर-जवाबी का निचोड़ बेहद कम कलाकारों में देखने को मिलता है. आज भले ही गोविंदा को बॉलीवुड इंडस्‍ट्री ने किनारे कर दिया हो लेकिन एक जमाना था जब लोग गोविंदा को कॉपी किया करते थे. उनके जैसा दिखने […]

गोविंदा उन कलाकारों में से हैं जिनकी तुलना संभव नहीं है. गोविंदा की डायलॉग डिलीवरी, दमदार डांस, हाजिर-जवाबी का निचोड़ बेहद कम कलाकारों में देखने को मिलता है. आज भले ही गोविंदा को बॉलीवुड इंडस्‍ट्री ने किनारे कर दिया हो लेकिन एक जमाना था जब लोग गोविंदा को कॉपी किया करते थे. उनके जैसा दिखने और बोलने की कोशिश करते थे. उनका जिंदादिली दर्शकों को खूब भाती थी और लोग उनकी फिल्‍मों का इंतजार करते थे. आज भी जब टीवी पर उनकी ‘स्‍वर्ग’ आती है तो पलकें भीग जाती हैं.

गोविंदा और कादर खान की नोंक-झोंक दर्शकों की चर्चा का केंद्र होती थी. गोविंदा के अभिनय के साथ उनकी सहजता उन्‍हें बाकियों से अलग करती है. गोविंदा की कॉमिक टाइमिंग इतनी जबरदस्‍त थी कि कई बड़े एक्‍टर हैरान रह जाते थे.

मुंबई में हुआ जन्‍म

उनका जन्‍म 21 दिसंबर 1963 को मुबंई के विरार में हुआ था. उनके पिता अरुण आहूजा और मां निर्मला देवी 40 के दशक में फिल्‍मों में काम करते थे. वहीं मां-बाप की तरह गोविंदा को भी एक्टिंग करने का बेहद शौक था. उन्‍होंने फिल्‍म ‘इल्‍जाम’ से बॉलीवुड में डेब्‍यू किया था. इस फिल्‍म से गोविंदा को कोई खास पहचान नहीं मिली.

कामयाब फ़िल्मों का सिलसिला…

इसके बाद वर्ष 1992 में गोविंदा ने फिल्‍म ‘शोला और शबनम’ में काम किया. गोविंदा का सितारा चमका और फिल्‍म ने बॉक्‍स ऑफिस पर धमाकेदार कमाई की. फिल्‍म में दिव्‍या भारती और गोविंदा की जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया. इसके बाद उन्‍होंने वर्ष 1993 में ‘आंखें’, 1994 में ‘राजा बाबू’, 1995 में ‘कुली नंबर 1’, 1996 में ‘साजन चलें ससुराल’, 1997 में ‘हीरो नंबर 1’, ‘दीवाना मस्‍ताना’ और ‘बड़े मियां और छोटे मियां’ जैसी सुपरहिट फिल्‍मों में काम किया.

सुनीता आहूजा से की शादी

गोविंदा ने साल 1987 में सुनीता आहूजा से लव मैरिज की थी. दोनों के दो बच्‍चे एक बेटी टीना आहूजा और बेटा यशवर्धन हैं. अक्‍सर गोविंदा अपनी पूरी फैमिली के साथ स्‍पॉट किये जाते हैं. गोविंदा अपनी पत्नी से बेहद प्यार करते हैं. दोनों की खास बॉन्डिंग अक्‍सर देखने को मिलती है. गोविंदा ने एक टीवी शो में कहा था कि हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है सुनीता ने भी हर मोड़ पर मेरा साथ दिया है. गोविंदा की तरह सुनीता भी एक जिंदादिल इंसान हैं.

राजनीति में उतरे

गोविंदा ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया. वर्ष 2004 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर वह लोकसभा के सदस्य बने. लेकिन साल 2008 आते-आते उन्‍होंने मैदान छोड़ दिया. इस बीच उनके करियर पर ब्रेक लगा. हालांकि साल 2007 में प्रदर्शित इनकी फिल्म ‘पार्टनर’ की सफलता के बाद गोविंदा एक बार फिर से अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए.

अवार्ड्स

गोविंदा ने हर शैली की फिल्‍मों में काम किया है चाहे वह कॉमेडी हो, ड्रामा हो, रोमांस हो, एक्‍शन हो या फिर कोई भावनात्‍मक किरदार हो, सभी किरदारों में गोविंदा रचे-बसे नजर आये और अपनी दमदार अभिनय का लोहा मनवाया. गोंविंदा ने लगभग 165 फिल्‍मों में काम किया है. उन्‍हें 12 बार फिल्‍मफेयर अवार्ड नॉमिनेशन, फिल्‍मफेयर स्‍पेशल अवार्ड और बेस्‍ट कॉमेडियन के लिए फिल्‍मफेयर अवार्ड मिल चुके हैं.

हालांकि पिछले 10 सालों में उनकी कई फ़िल्में आईं और ग़ायब हो गईं. गोविंदा हाल में ‘किल दिल’, ‘हैप्‍पी एंडिंग’, ‘फ्राइडे’ और ‘रंगीला राजा’ जैसी फिल्‍मों में नजर आ चुके हैं लेकिन बॉक्‍स ऑफिस पर फिल्‍में फ्लॉप रही है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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