मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने संजय गांधी की जैविक बेटी होने का दावा करने वाली एक महिला की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें मधुर भंडारकर की आगामी फिल्म ‘इंदू सरकार’ पर रोक लगाने की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति अनूप मोहता और न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रिया पॉल का अदालत के हस्तक्षेप और सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणपत्र दिये जाने के बाद फिल्म की रिलीज पर रोक लायक कोई मामला नहीं है.
न्यायमूर्ति मोहता ने कहा कि फिल्म निर्माता ने एक डिस्क्लेमर दिया है जो फिल्म से पहले दिखाया जाएगा जिसमें लिखा होगा कि फिल्म के सभी किरदार और घटनाएं काल्पनिक हैं औ इनकी किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई समानता नहीं है. सेंसर बोर्ड भी पहले फिल्मनिर्माता से कुछ दृश्य हटाने के लिए कहने के बाद इस फिल्म को प्रमाणपत्र दे चुका है. अदालत ने कहा कि संजय गांधी के किसी स्वीकार्य वंशज ने इस फिल्म पर आपत्ति नहीं जताई है.
न्यायमूर्ति ने कहा कि इस पर कोई विवाद नहीं है कि संजय गांधी के वंशज ने फिल्म का विरोध नहीं किया. संजय गांधी के साथ संभावित संबंध का याचिकाकर्ता का दावा खुद सवालों के घेरे में है. भंडारकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने दलील दी कि याचिकाकर्ता प्रभावित पक्ष नहीं है और उनके द्वारा इस तरह की याचिका दायर नहीं की जा सकती. बता दें कि ‘इंदू सरकार’ 28 जुलाई को रिलीज हो रही है.