नयी दिल्ली: संजय दत्त! ये नाम सुनते ही कई तस्वीर, बातें मन में उभरती हैं. 50 के दशक के प्रसिद्ध अभिनेता सुनील दत्त और लोकप्रिय अभिनेत्री नरगिस के बेटे या फिर ड्रग्स एडिक्ट बिगड़ैल युवा. रॉकी, साजन, नाम, वास्तव, मुन्नाभाई एमबीबीएस, लगे रहे मुन्नाभाई जैसी लोकप्रिय फिल्मों के स्टार अभिनेता या फिर 1993 बम ब्लास्ट के आरोपियों में से एक. कई आयाम हैं मुन्नाभाई एमबीबीएस फेम अभिनेता संजय दत्ते के जीवन के. आज उनका जन्मदिन है और हम बात करेंगे विवादों के साथ उनकी आंख-मिचौली के बारे में.
संजय दत्त के बारे में बात करते हुए उनके पिता सुनील दत्त ने कहा था कि उसे काफी कम उम्र से ही सिगरेट पीने की लत लग गयी थी. वो अपने पिता से मिलने आये मेहमानों द्वारा फेंके गये सिगरेट के टुकड़ों को उठाकर कस लगाते थे. सुनील दत्त ने बताया था कि वो उस समय हैरान रह गये जब कश्मीर में एकबार उन्होंने गुस्से में उनकी तरफ पूरी सिगरेट बढ़ाई थी और संजय दत्त ने पूरी पी ली थी. सुनील दत्त के मुताबिक तब संजय की उम्र महज 9 साल की थी.
सेंट लारेंस से वापस लौटने के बाद लगी ड्रग्स की लत
संजय दत्त दिनोंदिन बिगड़ैल होते जा रहे थे इसलिए उनका दाखिला हिमाचल प्रदेश के एक बोर्डिंग स्कूल सेंट लारेंस में करवा दिया गया. साल 1977 में संजय दत्त सेंट लारेंस में अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस लौटे. कहा जाता है कि इसी दौरान वे मुंबई में ड्रग्स डीलर्स के संपर्क में आये और ड्रग्स एडिग्ट हो गये. इस दौरान वो अपने कमरे में घंटों बंद रहते और ड्रग्स का सेवन करते. कुछ रिपोर्टों के मुताबिक मां नरगिस को अपने बेटे के ड्रग्स एडिग्ट हो जाने का अंदाजा था लेकिन उन्होंने न तो संजय से और ना ही सुनील दत्त से इस बारे में कुछ कहा.
यही वो समय था जब पता चला कि नरगिस को कैंसर है. काफी समय तक संजय दत्त से ये बात छुपायी गयी लेकिन कुछ समय बाद संजय दत्त को इसका पता चल गया. हालांकि इस समय वो ड्रग्स की दुनिया में इतना खो चुके थे कि उन्हें बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि आसपास क्या हो रहा है?
1981 में फिल्म रॉकी से किया बॉलीवुड में डेब्यू
नरगिस को इलाज के लिए अमेरिका ले जाया गया. इसी समय संजय दत्त ने पिता से कहा कि वो फिल्मों में काम करना चाहते हैं. संजय दत्त की इच्छा पर सुनील दत्त ने उन्हें जरूरी ट्रेनिंग दिलवायी और अपने निर्देशन में साल 1981 में रॉकी फिल्म से उन्हें लांच किया. हालांकि इस दौरान संजय दत्त ड्रग्स की लत में बुरी तरह से जकड़े हुये थे, इतना कि जब रॉकी फिल्म की प्रीमियर से चार दिन पहले नरगिस की मौत हो गयी तो संजय दत्त जरा भी नहीं रोये. इस बात का जिक्र संजय दत्त ने अपने एक साक्षात्कार में किया था.
जब संजय ने पिता से कहा-प्लीज मुझे बचा लीजिए
संजय दत्त ने एक साक्षात्कार में एक दिलचस्प वाकये का जिक्र किया. संजय दत्त ने कहा कि एकदिन जब वो सो कर उठे तो पास ही एक नौकर खड़ा था. संजय ने कहा कि ‘मैंने नौकर से कहा कि मुझे भूख लगी है कुछ खाने का ले आओ. इतना सुनते ही नौकर रोने लगा. मैंने जब रोने की वजह पूछी तो उसने बताया कि आप दो दिन बाद सोकर उठे हैं. संजय दत्त आगे बताते हैं कि मैंने अपने आप को शीशे में देखा तो पाया कि मेरा चेहरा बुरी तरह से सूजा हुआ है. बाल बिखरे थे. तब मैंने अपने पिता से कहा कि मुझे बचा लीजिए’.
साल 1984 के शुरुआत में सुनील दत्त उन्हें अमेरिका ले गये. जब रिहेलिबिटेशन सेंटर में डॉक्टरों ने संजय दत्त से उनके द्वारा ली गयी ड्रग्स की सूची पूछी तो वे हैरान रहे गये कि संजय ने दुनिया में पाये जाने वाले हर तरीके के ड्रग्स का सेवन किया था. आखिरकार संजय दत्त वहां से ठीक होकर लौटे. संजय दत्त ने इस बात का जिक्र साल 2017 में एक इंटरव्यू में किया था.
मॉरीशस में आतिश की शूटिंग की दौरान मुबंंई हमला
मुंबई वापस लौटने के बाद संजय दत्त ने फैसला किया कि अब वो सिनेमा की दुनिया छोड़ देंगे और अमेरिका में बिजनेस करेंगे. हालांकि नियति को कुछ और मंजूर था. संजय दत्त को निर्देशक पप्पू वर्मा ने ‘जान की बाजी’ नाम की फिल्म के लिए साइन कर लिया जो 1985 में रिलीज हुई. इसकी वजह से उनका अमेरिका जाना टल गया. सबकुछ अच्छा चल रहा था. उनकी लगातार फिल्मे रिलीज हो रही थीं और दर्शकों को पसंद आने के साथ-साथ बढ़िया बिजनेस भी कर रही थी. लेकिन तभी एक ऐसा तूफान आया जिसने संजय दत्त की आने वाली जिंदगी को झिझोड़ कर रख दिया.
वो साल 1993 का समय था. मुंबई में सिलसिलवार बम धमाके हुये जिसमें तकरीबन 257 लोगों की मौत हो गयी वहीं 700 से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हो गये. इस समय संजय दत्त मॉरीशस में फिल्म आतिश की शूटिंग में बिजी थे. इधर मुंबई में आंतकी हमले की जांच चल रही थी. तभी एक खुलासे ने सिने जगत सहित पूरे भारत को हिला दिया. हमले के आरोपी समीर हिंगोरा और हनीफ कड़ावाला ने पुलिस को बताया कि सजंय दत्त के पास एक-56 राइफल, पिस्टल और हैंडग्रेनेड रखे गये थे.
जब संजय दत्त मुंबई वापस लौटे तो पुलिस ने उन्हें आंतकवादी निरोधक कानून टाडा के तहत गिरफ्तार कर लिया. सुनवाई हुई और संजय दत्त ने स्वीकार किया कि उन्होंने तीन एके-56 राइफलें मंगवाई थी लेकिन बाद में दो राइफल लौटा दी थी. उन्हें जेल भेज दिया गया लेकिन वो जल्दी ही जमानत पर छूट गये.
‘वास्तव’ फिल्म के लिए करियर का पहला फिल्मफेयर
हालांकि ये आजादी कुछ ही समय के लिए थी क्योंकि संजय दत्त को दोबारा साल 1994 में गिरफ्तार कर लिया. 1995 में कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुये जमानत पर रिहा कर दिया. इसके बाद संजय दत्त फिल्मों में काम करते रहे. साल 1999 में उनकी फिल्म ‘वास्तव’ सुपरहिट साबित हुयी और इसके लिये संजय दत्त को बेस्ट एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया. उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई. ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ जिसमें उनके रियल लाइफ पिता सुनील दत्त ने ‘रील लाइफ’ पिता का किरदार निभाया. कोमल दिल गैंगस्टर वाले कॉमिक किरदार ने प्रशंसकों का दिल जीत लिया. इसके बाद साल 2006 में ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ भी मील का पत्थर साबित हुई.
साल 2016 में पूरी तरह से रिहा हो गये संजय दत्त
बता दें कि साल 2000 में एक वीडियो टेप सामने आया जिसमें कहा गया कि संजय दत्त अंडरवर्ल्ड अपराधी छोटा शकील से बात कर रहे थे. 2002 मे सुनवाई के दौरान पुलिस ने इसे सबूत के तौर पर पेश किया. 2007 में इसकी सुनवाई शुरू हुई जिसमें कोर्ट ने संजय दत्त के ऊपर से आंतकवादी होने के आरोपों को खारिज कर दिया लेकिन हथियार रखने के आरोप में उन्हें छह साल की सजा सुनाई गयी. वे जेल गये लेकिन जमानत पर रिहा हो गये. साल 2013 में कोर्ट ने छह साल की सजा को घटाकर पांच साल कर दिया.
चूंकि उन्होंने दो साल की सजा पहले ही काट ली थी इसलिए उन्हें तीन साल तक सश्रम कारावास में रखने का आदेश सुनाया गया. आखिरकार पूरी सजा काटकर संजय दत्त साल 2016 में जेल से रिहा हो गये. इसके बाद उन्होंने भूमि और कलंक जैसी फिल्मों में काम किया. उनकी आने वाली फिल्म ‘पानीपत’ है जिसमें वे अर्जुन कपूर के साथ नजर आएंगे.