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World Book And Copyright Day 2025 : किताबों से दोस्ती कर बढ़ाएं अपनी समझ का दायरा

किताबें अतीत और भविष्य के बीच की कड़ी हैं, पीढ़ियों और संस्कृतियों के बीच एक सेतु हैं. किताबें, अपने सभी रूपों में, हमें सीखने और खुद को सजग रखने का मौका देती हैं. वे हमारा मनोरंजन भी करती हैं और हमें दुनिया को समझने में मदद करती हैं, साथ ही दूसरों से अलग होने का एक रास्ता दिखाती हैं. छात्र जीवन में ही आप अगर किताबें पढ़ने की आदत विकसित कर लेते हैं, तो अपने लिए एक सुंदर दुनिया का दरवाजा खोल सकते हैं. विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस 2025 की थीम 'अपने तरीके से पढ़ें' भी बच्चों के अपनी किताबें चुनने के अधिकार का समर्थन करती है...

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World Book And Copyright Day 2025 : विश्व पुस्तक दिवस के आयोजक वर्ष 2025 की थीम ‘अपने तरीके से पढ़ें’ के माध्यम से लोगों खासतौर पर बच्चों को अपनी शर्तों पर पढ़ने की खोज करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. विश्व पुस्तक दिवस छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पढ़ने के आनंद का जश्न मनाता है और आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करता है. यह छात्रों को नये लेखकों और पुस्तकों की खोज करने, साहित्य के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने और उनके ज्ञान का विस्तार करने के लिए एक मंच प्रदान करता है. यह दिन व्यक्तिगत विकास के लिए पढ़ने के महत्व पर भी प्रकाश डालता है, जिसमें बेहतर संचार कौशल, शब्दावली विकास और बेहतर समझ शामिल है. इन दिनों जब दुनिया भर में विश्व पुस्तक दिवस एवं कॉपीराइट डे मनाये जाने की तैयारी है, आपके पास भी एक अवसर है कोर्स से इतर किताबों को अपने जीवन में शामिल करने का.

छात्रों के लिए पढ़ना क्यों है जरूरी !

किताबें हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर एक छात्र के जीवन में. उन्हें छात्रों का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है. वास्तव में, वे उनकी सबसे अच्छी साथी हो सकती हैं. पाठ्यपुस्तकें यानी कोर्स की किताबें एक मानक निर्धारित करती है, लेकिन विविध प्रकार की किताबें पढ़ने में शामिल होने से ज्ञान, रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को आकार मिलता है.

  • किताबें पढ़ना इसलिए जरूरी है, क्योंकि इससे छात्रों में शब्दावली के साथ-साथ संज्ञानात्मक कौशल में भी वृद्धि होती है.
  • किताबें छात्रों को विविध विचारों से परिचित कराती हैं, जिससे उनका ज्ञान और कल्पनाशीलता बढ़ती है और विश्व दृष्टिकोण व्यापक होता है.
  • मजबूत पठन कौशल से अकादमिक प्रदर्शन में वृद्धि होती है, साथ ही लेखन क्षमता में भी सुधार होता है, जिसके परिणामस्वरूप परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त होते हैं.
  • पढ़ना मस्तिष्क और याददाश्त में सुधार करके छात्रों के संज्ञानात्मक विकास को बढ़ाता है.
  • नियमित रूप से पढ़ने से भाषा कौशल मजबूत होता है और संचार में सुधार होता है.
  • साहित्यिक किताबें पढ़ने की आदत डालने से तनाव कम होता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है.

घर बैठे कर सकते हैं दुनिया की यात्रा

पुलित्जर विजेता भारतीय मूल की लेखिका झुम्पा लाहिड़ी ने कहा है-‘किताबों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप बिना पैर हिलाए यात्रा कर सकते हैं.’क्या आप बिना यात्रा किए दुनिया की खोज करना चाहते हैं? क्या आप किसी खास विषय के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं या जानना चाहते हैं कि अतीत में जीवन कैसा था? किताबें पढ़ने से आपको सभी सवालों के जवाब मिल सकते हैं. इसलिए कोर्स की किताबों के अलावा साहित्य, इतिहास या विज्ञान किसी भी विषय में पर केंद्रित किताब, जो आपको पसंद हो पढ़ना शुरू करें.

विकसित होता है भाषा कौशल

पुस्तकें पढ़ने से लोगों को अपनी शब्दावली, मौखिक आदान-प्रदान कौशल और बातचीत की क्षमताओं को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. इससे अधिक सटीक और बोधगम्य भाषा के लिए सक्रिय मस्तिष्क का निर्माण होता है. छात्रों की शब्दावली मजबूत होती है और वे विविध दृष्टिकोण एवं नयी अवधारणाओं से अवगत होते हैं. किताबें पढ़ना छात्रों के लिए दैनिक जीवन में रचनात्मकता को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका है.

आत्म-विश्वास होता है मजबूत

पढ़ना आत्म-विश्वास को बढ़ाता है तथा उत्कृष्ट आत्मविश्वास के विकास में योगदान देता है. विविध प्रकार की कहानियों एवं साहित्य पढ़ने से छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं से परिचित होने का अवसर मिलता है, जिससे अलग-अलग क्षेत्रों के बारे में उनकी जानकारी बढ़ती है.

यह भी पढ़ें : World Book And Copyright Day 2025 : दुनिया में मशहूर हैं किताबों के ये घर

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