Share Market: बुधवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुले, हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार (स्थानीय समय) को अप्रैल 2 से प्रतिशोधी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. इस कदम के चलते वैश्विक बाजारों में अस्थिरता देखी गई, लेकिन भारतीय निवेशकों ने सतर्क आशावाद बनाए रखा.
वैश्विक बाजारों पर असर
अमेरिकी टैरिफ के कारण जापान से लेकर मैक्सिको तक की कंपनियां उच्च कीमतों, मांग में गिरावट और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के लिए तैयार हो रही हैं. व्यापार और उपभोक्ता विश्वास कमजोर पड़ने के संकेत दे रहे हैं, जिससे बाजारों में अनिश्चितता बढ़ रही है.
सेंसेक्स और निफ्टी में शुरुआती बढ़त
BSE सेंसेक्स 162.63 अंकों की बढ़त के साथ 73,152.56 पर खुला, जबकि निफ्टी 50 ने 52.85 अंकों की तेजी के साथ 22,135.50 पर कारोबार शुरू किया. निफ्टी के 30 शेयरों में तेजी रही, जबकि 20 शेयरों में गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों का संतुलित रुख झलकता है.
प्रमुख बढ़त और गिरावट वाले शेयर
बढ़त वाले शेयर: M&M, पावर ग्रिड, HCL टेक, BPCL और अदानी पोर्ट्स ने शुरुआती कारोबार में मजबूती दिखाई.
गिरावट वाले शेयर: बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, SBI लाइफ, HDFC बैंक और सन फार्मा सबसे ज्यादा नुकसान में रहे.
विशेषज्ञों की राय
अजय बग्गा, बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट: “ट्रम्प टैरिफ के कारण वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है. जापान से मैक्सिको तक कंपनियां व्यापार में रुकावट, बढ़ती कीमतों और घटती मांग के लिए तैयार हो रही हैं. ट्रम्प प्रशासन की अप्रत्याशित नीतियों से व्यापार और उपभोक्ता विश्वास प्रभावित हो रहा है.” उन्होंने आगे कहा, “आज सुबह चीन ने एक नया वित्तीय प्रोत्साहन घोषित किया, जिसमें 2025 के लिए 4% का राजकोषीय घाटा प्रस्तावित किया गया है ताकि 5% GDP वृद्धि हासिल की जा सके. मित्र और प्रतिद्वंद्वी दोनों देशों पर एकसाथ टैरिफ लगाना 1930 के दशक की महामंदी के बाद पहली बार देखा जा रहा है.”
भारतीय बाजार पर प्रभाव
हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत गति से आगे बढ़ रही है, लेकिन वैश्विक निराशावाद निवेशकों की धारणा पर असर डाल सकता है. बग्गा ने कहा, “भारत को आपसी टैरिफ से बचने की उम्मीद है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं. भारतीय बाजार वैश्विक जोखिमों से प्रभावित होंगे और भले ही घरेलू आर्थिक गति मजबूत हो, लेकिन वैश्विक अनिश्चितता के कारण बाजार सतर्क रहेगा.”
बाजार की आगे की दिशा
अक्षय चिंचालकर, हेड ऑफ रिसर्च, एक्सिस सिक्योरिटीज: उन्होंने कहा, “निफ्टी ने शुरुआती कमजोरी से उबरते हुए मामूली गिरावट के साथ बंद किया, जिससे लगातार 10वें दिन गिरावट का रिकॉर्ड बना. हालांकि, कुछ संकेत हैं कि बाजार रिकवरी की कोशिश कर रहा है, लेकिन किसी ठोस संकेत की जरूरत है.”
विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में वैश्विक अनिश्चितताएं बाजार की दिशा तय करेंगी. विशेष रूप से भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के परिणामों पर निवेशकों की नजर रहेगी. इसके अलावा, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की नीति प्रतिक्रियाओं की भी बारीकी से निगरानी की जाएगी क्योंकि वे व्यापार व्यवधानों और बढ़ते संरक्षणवाद के कारण आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं.
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