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Share Market: आईटी-एफएमसीजी स्टॉक में बिकवाली के कारण टूटा बाजार, सेंसेक्स 143 अंक गिरा, निफ्टी भी लुढ़का

Share Market Closing Bell: बाजार बंद होने तक बीएसई सेंसेक्स 143 अंक टूट गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निकासी जारी रहने और वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच आईटी, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों तथा तेल कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा.

Share Market Closing Bell: सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन ग्लोबल मार्केट से मिले कमजोर संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार प्री-ओपनिंग में सुस्त हो गया. इसके बाद पूरे दिन उठा-पटक का माहौल जारी रहा. अंत में बाजार बंद होने तक बीएसई सेंसेक्स 143 अंक टूट गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निकासी जारी रहने और वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच आईटी, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों तथा तेल कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा. उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 143.41 अंक यानी 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64,832.20 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 206.85 अंक तक लुढ़क गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 48.20 के नुकसान के साथ 19,395.30 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर सबसे ज्यादा 1.58 प्रतिशत नीचे आया. इसके अलावा टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फाइनेंस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाइटन और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं. दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति शामिल हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के अनुरूप भारतीय बाजार एक सीमित दायरे में बना हुआ है और निफ्टी सूचकांक 19,500 के प्रमुख स्तर से ऊपर नहीं जा पा रहा है.

FII की बिकवाली हुई कम

एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की बिकवाली कम हुई है लेकिन ऊंची ब्याज दर और वैश्विक नरमी की चिंताओं के कारण पूंजी प्रवाह हल्का बना हुआ है. बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.27 प्रतिशत जबकि मिडकैप 0.06 प्रतिशत लाभ में रहा. रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि बाजार लगातार तीसरे दिन सीमित दायरे में बना रहा और अंत में मामूली नुकसान के साथ बंद हुआ. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त में जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में ज्यादातर में तेजी का रुख था. अमेरिकी बाजारों में बुधवार को मिला-जुला रुख देखने को मिला. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.99 प्रतिशत की बढ़त के साथ 80.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, एफआईआई ने बुधवार को 84.55 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.

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रुपया एक पैसे की बढ़त के साथ 83.29 प्रति डॉलर पर

घरेलू शेयर बाजार में नकारात्मक रुख और विदेशी कोषों की सतत निकासी के बीच बृहस्पतिवार को रुपया सीमित दायरे में रहा और डॉलर के मुकाबले एक पैसे की बढ़त के साथ 83.29 (अस्थायी) पर बंद हुआ. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में रुपया 83.25 पर खुला और अंत में डॉलर के मुकाबले 83.29 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से एक पैसे की बढ़त है. दिन में कारोबार के दौरान रुपया सीमित दायरे में रहा. इसने 83.25 के उच्चस्तर को छुआ और यह 83.29 के निचले स्तर तक भी आया. बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 83.30 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल ने अपने बुधवार के संबोधन में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति की दिशा पर कोई टिप्पणी नहीं की. बृहस्पतिवार को वह मौद्रिक नीति की चुनौतियों पर एक पैनल चर्चा में भाग लेंगे. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत घटकर 105.58 पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बुधवार को 84.55 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

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