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दुश्मनों को नाकों चने चबवा देगी DRDO की ये कार्बाइन, एक मिनट में उगलती है 700 गोली, जानिए कैसे?

DRDO's New Carbine : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसे गन का ट्रायल पूरा कर लिया है, जो बड़ी ही आसानी से दुश्मनों को नाकों चने चबवा सकती है. इस गन की खासियत ये है कि ये एक मिनट में कम से कम 700 गोलियां उगलती है.

DRDO’s New Carbine : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसे गन का ट्रायल पूरा कर लिया है, जो बड़ी ही आसानी से दुश्मनों को नाकों चने चबवा सकती है. इस गन की खासियत ये है कि ये एक मिनट में कम से कम 700 गोलियां उगलती है.

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, डीआरडीओ ने हल्के मशीन गन के तौर पर विकसित कार्बाइन के ट्रायल को पूरा कर लिया है. डीआरडीओ के अनुसार, अब यह कार्बाइन सेना के उपयोग के लिए तैयार है. यह वही ‘कार्बाइन गन’ है जो 700 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है.

सेना में इस्तेमाल के लिए तैयार है कार्बाइन

डीआरडीओ के हवाले से अंग्रेजी की वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक खबर में बताया है कि पिछले हफ्ते रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कहा कि कार्बाइन विकसित की गई है. सेना द्वारा परीक्षणों के अंतिम चरण को भी पूरा कर लिया गया और यह उपयोग के लिए तैयार है.

सीआरपीएफ, बीएसएफ और पुलिस के जवानों को मिलेगी जल्द

खबर के अनुसार, सेना के परीक्षण पूरा कर लेने के बाद अब इसे सीआरपीएफ, बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों के बेड़े में शामिल किया जा सकता है. यहां कार्बाइन शस्त्रागारों को आधुनिक और नई तकनीक से लैस करेगी. इसके साथ ही, यह मौजूदा समय में सेना द्वारा इस्तेमाल हो रही 9 एमएम कार्बाइन की जगह लेगी.

कम रेंज के ऑपरेशन के लिए खास हथियार

डीआरडीओ के हवाले से खबर में बताया गया है कि जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन कम रेंज के ऑपरेशन्स के लिए एक खास हथियार है. इसकी खासियत है कि लगातार गोलीबारी के दौरान सैनिक इसे आराम से संभाल सकते है. ये इतनी हल्की है कि जवान केवल एक हाथ से भी आराम से फायरिंग कर सकते हैं.

गैस से चलने वाली सेमी ऑटोमेटिक हथियार

जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानि जेपीवीसी एक गैस चालित सेमी ऑटोमेटिक हथियार है. डीआरडीओ की पुणे स्थित लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट में इसका डिजाइन तैयार किया गया है. दिलचस्प बात ये है कि कार्बाइन 700 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है. यह बिना किसी को नुकसान पहुंचाए टारगेट पर हमला कर सकती है. इस कार्बाइन के लिए गोलियां पुणे की एम्यूशन फैक्ट्री में तैयार होंगी.

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Posted By : Vishwat Sen

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