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रिजर्व बैंक को केवल कागजी शेर न समझा जाए: राजन

मुंबई: बैंकों को जानबूझ कर कर न चुकाने वालों के खिलाफ सख्ती के लिए ललकारने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रमुख गवर्नर रघुराम राजन ने अपने सहयोगियों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि केंद्रीय बैंक को सिर्फ ‘कागजी शेर’ न समझा जाए.उन्होंने कहा कि बैंकों के सथ गडबडी करने वाले अमीर […]

मुंबई: बैंकों को जानबूझ कर कर न चुकाने वालों के खिलाफ सख्ती के लिए ललकारने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रमुख गवर्नर रघुराम राजन ने अपने सहयोगियों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि केंद्रीय बैंक को सिर्फ ‘कागजी शेर’ न समझा जाए.उन्होंने कहा कि बैंकों के सथ गडबडी करने वाले अमीर या ताकतवर लोगों को भी न बख्शा जाए. उन्होंने यह भी कहा कि यह विचार करने की जरुरत है कि विनियमित इकाइयों में लचर तौर तरीकों के खिलाफ ‘अधिक सख्ती’ की जरुरत नहीं है ताकि बाद में ये कोई घोटाले के रूप में सामने न आएं. अकादमिक क्षेत्र से बैंकिंग क्षेत्र में आए रिजर्व बैंक के गवर्नर ने केंद्रीय बैंक के समस्त कर्मचारियों को नए साल के संदेश में राजन ने कहा है कि ‘ अक्सर कि अक्सर हमारे देश की सरकार को ‘‘कमजोर सरकार’ कहा जाता है.

राजन ने रिजर्व बैंक के 16,800 कर्मचारियों को लिखे पांच पृष्ठ के पत्र में कहा है, ‘‘हम पर न केवल यह आरोप लगता है कि हमारे अंदर गड़बड़ी रोकने की प्रशासनिक क्षमता नहीं है, हम गड़बडी करने वालों को सजा नहीं देते जब तक कि वह छोटा या कमजोर नहीं होता.’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मान्यता का मतलब है कि कोई गड़बडी करने वाले अमीर तथा ताकतवर लोगों के पीछे नहीं पड़ता. यदि हमें मजबूत टिकाउ वृद्धि हासिल करनी है, तो हमें अपराध की अनदेखी करने की संस्कृति बंद करनी होगी.
‘ हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि आप अमीरों या कारोबार के खिलाफ हैं. बल्कि हमें गड़बडी करने वालों को पकडना है. राजन ने 2,500 शब्दों के पत्र में कहा कि देश के प्रमुख और सम्मानित नियामक के रुप में हमें इस बारे में आगे बढकर काम करना चाहिए.हमने प्रत्येक स्तर पर ईमानदार कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया है. इसके बावजूद भी इस तरह की धारणा है कि हम अनुपालन को कडाई से लागू नहीं करते.

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