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भारतीय बैंकों में दुनिया के शीर्ष बैंकों की बिरादरी में शामिल होने की क्षमता है : चंदा कोचर

शंघाई : चीन की मजबूत आर्थिक वृद्धि के चलते वहां के बैंकों की गिनती दुनिया के शीर्ष बैंकों में होने के मद्देनजर निजी क्षेत्र के सबसे बडे बैंक आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा है कि भारतीय बैंकों को भी अपनी गतिविधियों में उल्लेखनीय रुप से तेजी लाने की आकांक्षा रखनी चाहिए. कोचर […]

शंघाई : चीन की मजबूत आर्थिक वृद्धि के चलते वहां के बैंकों की गिनती दुनिया के शीर्ष बैंकों में होने के मद्देनजर निजी क्षेत्र के सबसे बडे बैंक आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने कहा है कि भारतीय बैंकों को भी अपनी गतिविधियों में उल्लेखनीय रुप से तेजी लाने की आकांक्षा रखनी चाहिए.

कोचर ने कहा कि आईसीआईसीआई अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत से जुडे कारोबारी मौकों और नए उभरते अवसरों में अपनी मौजूदगी के विस्तार की समीक्षा करता रहेगा. गौरतलब है कि आईसीआईसीआई ने चीन में अपनी पहली शाखा खोली है.
उन्होंने कहा, भारत और चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं जहां बैंक आर्थिक वृद्धि में के बडे वित्तपोषक हैं उनमें बैंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन काफी कुछ अर्थव्यवस्था से जुडा है. कोचर ने यहां एक साक्षात्कार में कहा, चीन का पिछले तीन दशक तक निरंतर 10 प्रतिशत से अधिक का वृद्धि दर का रिकार्ड रहा है जिससे चीन के बैंकों को वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय स्थिति अख्तियार करने में मदद मिली.
कोचर ने कहा, अनुमान है कि भारत मध्यम अवधि में सबसे तेजी से बढने वाली अर्थव्यवस्था होगी. भारत की वृद्धि के साथ ही भारतीय बैंकों को भी अपनी गतिवधियां उल्लेखनीय रुप से बढने की चाह रखनी चाहिए. चीन के कई बैंक विश्व के शीर्ष बैंकों की बिरादरी में शामिल हुये हैं लेकिन भारतीय बैंक अभी उस स्तर तक नहीं पहुंचे.
कोचर शनिवार को चीन में आईसीआईसीआई बैंक की पहली शाखा के उद्घाटन के मौके पर यहां पहुंची थीं. वह इस प्रश्न का जवाब दे रही थीं कि क्या आईसीआईसीआई बैंक समेत कुछ भारतीय बैंक निकट भविष्य में दुनिया के प्रमुख बैंकों में अपना स्थान बना सकेंगे.
आईसीआईसीआई बैंक 132 अरब डालर की एकीकृत परिसंपत्ति के साथ भारत में निजी क्षेत्र का सबसे बडा बैंक है और दुनिया के 17 देशों में उसकी उपस्थिति है. चीन में पहले से ही उसका एक प्रतिनिधि कार्यालय था जिसे उसने 2003 में खुला था.
बैंक के अंतरराष्ट्रीय कारोबार का योगदान इसकी कुल परिसंपत्ति का करीब एक चौथाई है. भारत के साथ व्यापार बढने की संभावना वाले किसी अन्य देश में आईसीआईसीआई बैंक की शाखा खोलने के विचार के बारे में पूछे जाने पर कोचर ने कहा, बैंक भारत से जुडे कारोबारी अवसर की बराबर समीक्षा करता रहता है और नये अवसर सामने आने पर अपनी मौजूदगी का विस्तार करता है.
उन्होंने कहा, बैंक अपनी भारत से जुडी रणनीति के मुताबिक वैश्विक मौजूदगी की जांच-परख कर रहा है. हम चीन में अपने प्रतिनिधि कार्यालय के जरिए एक दशक से अधिक समय से मौजूद हैं और अब दोनों देशों के बीच बढते संपर्क का लाभ उठाने के लिये इसे शाखा में उन्नत कर गतिविधियां बढाई जा सकती. आईसीआईसीआई बैंक की ब्रिटेन और कनाडा में अनुषंगियां हैं जबकि अमेरिका, चीन, बहरीन, हांगकांग, श्रीलंका, कतर और दुबई इंटरनैशनल फिनांस सेंटर में शाखायें हैं. इसके अलावा यूएई, बांग्लादेश, मलेशिया और इंडोनेशिया में प्रतिनिधि कार्यालय हैं. बैंक की ब्रिटेन की शाखा ने बेल्जियम और जर्मनी में शाखाएं खोली हैं.
भारतीय कंपनियों की बढती अंतरराष्ट्रीय पहुंच के बीच आईसीआईसीआई बैंक की घरेलू कारोबार के बेहतरी के सवाल पर कोचर ने कहा, हम एक भारतीय बैंक हैं और हम वैश्विक बैंचमार्क के उत्पाद और सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं.
उन्होंने कहा, हमारा अंतरर्राष्टरीय कारोबार हमारी कुल परिसंपत्तियों का एक चौथाई है. हम अपने खुदरा ग्राहकों की सुविधा के लिये प्रौद्योगिकी आधारित समाधान की पेशकश करते रहे हैं. आईसीआईसीआई बैंक के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय के बारे में कोचर ने कहा, आईसीआईसीआई बैंक की कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूदगी बनी हुई है. यह मौजूदगी प्रतिनिधि कार्यालय, शाखाओं और बैंकिंग अनुषंगी के जरिये बनी हुई है.

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