नयी दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने आज कहा कि राजस्व विभाग द्वारा सेवाकर के पुराने बकाये की वसूली में तेजी लाने के लिये किये गये प्रयासों का कोई असर नहीं दिखाई दिया क्योंकि 2013-14 में वसूली इससे पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम रही.
कैग की आज संसद के पटल पर रपट के अनुसार, ‘यह काफी चिंता का विषय है कि 2013-14 में सेवाकर बकाये की वसूली का अनुपात इससे पिछले वर्ष के मुकाबले तेजी से घटकर 3.12 प्रतिशत रह गया जबकि इससे पिछले वर्ष यह 11.40 प्रतिशत था.’ कैग ने कहा है कि विभाग को अपने वसूली प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है.
रपट के अनुसार वर्ष 2013-14 की शुरुआत में सेवाकर मामले में बकाया राशि 39,537 करोड रुपये थी जिसमें से वर्ष के दौरान 1,232 करोड रुपये की ही वसूली हो सकी. इससे पिछले वर्ष 2012-13 में 20,361 करोड रुपये के सेवाकर बकाये में से 2,322 करोड रुपये का पुराना बकाया वसूला गया.
यह राशि कुल बकाये का 11.4 प्रतिशत रहा. रपट में कहा गया है कि अप्रत्यक्ष कर वसूली 2009-10 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.79 प्रतिशत से बढकर 2013-14 में 4.41 प्रतिशत हो गई. इसी दौरान जीडीपी की तुलना में सेवाकर राजस्व 0.9 प्रतिशत से बढकर 1.36 प्रतिशत हो गया.
बीमा क्षेत्र में सेवाकर देनदारी के मुद्दे पर कैग ने केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क (सीबीइसी) द्वारा जारी सर्कुलर में अस्पष्टता की वजह से 252.4 करोड रुपये के सेवाकर का भुगतान नहीं हो सका.
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