नयी दिल्ली : जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने के नये फॉर्म और ई-बिल से कारोबार सुगमता में मदद मिलेगी. इसके अलावा, अप्रत्यक्ष कर के लिए आंकड़े जुटाना भी आसान होगा. जीएसटीएन, वस्तु और सेवाकर के लिए प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्ध कराती है.
कुमार यहां पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के ‘ई-बिल और जीएसटी रिटर्न दाखिल करने का नया प्रारूप’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ई-बिल कारोबार सुगमता और जीएसटी के लिए आंकड़े जुटाने में आसानी की ओर एक कदम है. मानवीय स्तर पर आंकड़े जुटाने से गलत सूचना दर्ज होने और प्रतिलेखन त्रुटियां होने का डर रहता है. उन्होंने कहा कि प्रणाली को पूर्णत: स्व-संचालन बनाने के लिए उसके मानकीकरण की जरूरत है.
कुमार ने कहा कि बिलों का डिजिटलीकरण करने में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) समूह देशों में उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाएं सबसे आगे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटलीकरण को करदाताओं की कारोबार प्रक्रिया का हिस्सा बनाने का और मानवीय स्तर पर आंकड़े जुटाने की व्यवस्था को दूर करने का लक्ष्य है.
पीएचडी चैंबर के चेयरमैन एनके़ गुप्ता ने कहा कि ई-बिल एक नयी व्यवस्था है. इसमें कारोबारों के बीच आपस (बी2बी) में होने वाला लेन-देन जीएसटीएन के माध्यम से ही सीधा प्रमाणित हो जायेगा. उन्होंने कहा कि यह डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.
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