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”FY 2019-20 की समाप्ति से पहले एक बार फिर सुधारों की घोषणा कर सकती है सरकार”

न्यू यॉर्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले और सुधारों की घोषणा की जायेगी. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने का दृष्टिकोण ‘चुनौतीपूर्ण’ है, लेकिन इसे हासिल किया […]

न्यू यॉर्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले और सुधारों की घोषणा की जायेगी. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने का दृष्टिकोण ‘चुनौतीपूर्ण’ है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है.

कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में ‘भारतीय अर्थव्यवस्था: चुनौतियां और संभावनाएं’ विषय पर व्याख्यान देते हुए सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर है.

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब एनडीए सरकार सत्ता में आयी, तब भारत की अर्थव्यवस्था 1,700 अरब डॉलर की थी. वर्ष 2019 में यह 2,700 डॉलर की हो गयी. पिछले पांच साल में हमने 1,000 अरब डॉलर जोड़ा. हमारा लक्ष्य 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है. यह लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह हासिल करने योग्य है. वित्त मंत्री ने कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनायेगी और मौजूदा डॉलर विनिमय दर के हिसाब से यह सातवें से तीसरे स्थान पर पहुंच जायेगी.

उन्होंने कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर को पिछले पांच साल की औसत वृद्धि दर 7.5 फीसदी से अधिक करने की जरूरत है. मुद्रास्फीति को 4 फीसदी पर रखने की जरूरत है, ताकि क्रय शक्ति में वृद्धि हो. महंगाई दर पिछले पांच साल से 4.5 फीसदी है और 2018-19 में घटकर 3.4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गयी.

सीतारमण ने कहा अगले पांच साल में रुपये की विनिमय दर में कुछ मूल्य ह्रास के साथ स्थिर निवेश दर को मौजूदा 29 फीसदी से बढ़ाकर 36 फीसदी करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर हैं. यह भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनायेगा और मौजूदा डॉलर विनिमय दर के मामले में सातवें से तीसरे स्थान पर पहुंचायेगा.

सीतारमण ने कहा कि जुलाई, 2019 में जब उन्होंने मोदी सरकार का पहला बजट पेश किया, तब भारत की जीडीपी वृद्धि दर लगातार चार तिमाहियों से गिर रही थी. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हमारा अनुमान है कि 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर 7 फीसदी रहेगी, जो 2018-19 के 6.8 फीसदी से अधिक है. पांचवीं तिमाही में जब जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आयी है, हमने अनुमान को कम नहीं किया, जबकि दुनिया के कुछ संस्थान यह कर चुके हैं.

सीतारमण ने कहा कि भारत 2019-20 की दूसरी छमाही में अभी प्रवेश किया और हमने कई सुधारों को पहले ही लागू कर दिया है. इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष के अंत तक कुछ और सुधारों की घोषणा की जायेगी. इस साल सितंबर में सरकार ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कंपनियों के लिए आयकर की दर में करीब 10 फीसदी की कटौती कर इसे 25.17 फीसदी कर दिया और नयी विनिर्माण इकाइयों के लिए आयकर दर को 17.01 फीसदी कर दिया.

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि दर 2019-20 में 6.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. वहीं, वैश्विक वृद्धि दर घटकर 3.2 फीसदी रहने की संभावना जतायी गयी है. वित्त मंत्री ने कहा कि हम दुनिया में तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था बने हुए हैं.

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