39.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

” Real Estate सेक्टर को अभी नहीं मिला है ब्याज दर में कटौती का लाभ, कर्ज और होना चाहिए सस्ता”

नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र ने बैंकों की ब्याज दर में और कटौती की जरूरत पर बल देते हुए सोमवार को कहा कि देश में 2022 तक सभी को मकान का लक्ष्य हासिल करने के लिए रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए कोई नवोन्मेषी वित्तीय समाधान तलाशना चाहिए. उसका कहना है कि अभी तक रीयल […]

नयी दिल्ली : रीयल एस्टेट क्षेत्र ने बैंकों की ब्याज दर में और कटौती की जरूरत पर बल देते हुए सोमवार को कहा कि देश में 2022 तक सभी को मकान का लक्ष्य हासिल करने के लिए रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए कोई नवोन्मेषी वित्तीय समाधान तलाशना चाहिए. उसका कहना है कि अभी तक रीयल एस्टेट क्षेत्र को ब्याज दर में कटौती का कोई लाभ नहीं मिला है. इस क्षेत्र की कंपनियों का मानना है कि रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज दर (रेपो) में 0.75 फीसदी की और कटौती करनी चाहिए और उसका लाभ रीयल एस्टेट क्षेत्र तक पहुंचना चाहिए.

इसे भी देखें : रीयल एस्टेट की रेट पर रेरा की मार : बिल्डरों की अब नहीं चलेगी मनमानी, बाजार भाव से तय होगी प्रॉपर्टीज की कीमतें

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वाधान में गठित नेशनल रीयल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष डॉ निरंजन हीरानंदानी ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में जमीन-जायदाद कारोबार में आड़े आ रही नकदी की समस्या को सामने रखा. नारेडको समूचे रीयल एस्टेट क्षेत्र की स्थिति पर विचार-विमर्श के लिए आगामी 19 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में 15वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन का भी आयोजन करने जा रहा है, जिसमें 2022 तक सभी के लिये घर के लक्ष्य को पाने के मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श किया जायेगा.

हीरानंदानी ने कहा कि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में पिछले कुछ महीनों के दौरान 0.75 फीसदी तक की कटौती की है, लेकिन इस कटौती का रीयल एस्टेट क्षेत्र को कोई लाभ नहीं मिल पाया है. उनका मानना है कि दर में 0.75 फीसदी तक की और कटौती होनी चाहिए, ताकि बैंकों की विभिन्न वित्तीय उपकरणों में अटकी पड़ी करोड़ों रुपये की राशि को उपयोग में लाया जा सके.

रिजर्व बैंक ने पिछली मौद्रिक नीति की समीक्षा में पिछले छह महीने के दौरान रेपो रेट में हर बार 0.25 फीसदी की कटौती कर कुल 0.75 फीसदी की कटौती की है. इस समय रेपो रेट 5.75 फीसदी पर है. इस दर पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को उनकी फौरी जरूरत के लिए नकदी उपलब्ध कराता है. अगले सप्ताह मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा होनी है.

रीयल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष संस्था के चेयरमैन राजीव तलवार ने इस अवसर पर कहा कि एक अनुमान के मुताबिक देश में 11 करोड़ घरों की कमी को पूरा करने के लिए 2022 तक क्षेत्र में 2,000 अरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी. इस लिहाज से यह अहम है कि सरकार को इतनी बड़ी मात्रा में वित्तपोषण उपलब्ध कराने के लिए कोई नवोनमेषी प्रणाली लानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के नकदी संकट को दूर करने के कुछ उपायों की घोषणा की है, लेकिन इसका लाभ रीयल एस्टेट क्षेत्र तक पहुंचना अभी बाकी है.

हीरानंदानी ने कहा कि हालांकि, नारेडको रीयल एस्टेट क्षेत्र के विकास को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है और उसका मानना है कि अगले दो- तीन साल के दौरान इस क्षेत्र में 30-35 फीसदी की जोरदार वृद्धि दर्ज की जायेगी. उन्होंने कहा कि देश में सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से दी जा रही विभिन्न प्रकार की सहायता के साथ ही किराये पर मकान देने की नयी नीति के अमल में आने से आवासीय क्षेत्र में नई क्रांति आने वाली है. देशभर में किराये पर मकान उपलब्ध कराने की गतिविधियों के जोर पकड़ने से इस क्षेत्र में काफी तीव्र वृद्धि होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें