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रीयल एस्टेट की रेट पर रेरा की मार : बिल्डरों की अब नहीं चलेगी मनमानी, बाजार भाव से तय होगी प्रॉपर्टीज की कीमतें

नयी दिल्ली : धोखाधड़ी और जालसाजी के जरिये एक अदद आशियाने के नाम पर लोगों की जेबों से उनकी खून-पसीने की कमाई की चपत लगाने वाले बिल्डरों की अब मनमानी नहीं चलेगी. अगर केंद्र में मोदी सरकार की चली, तो देश में अब बाजार भाव के अनुसार निर्मित मकानों अथवा प्रॉपर्टीज की कीमतें भी तय […]

नयी दिल्ली : धोखाधड़ी और जालसाजी के जरिये एक अदद आशियाने के नाम पर लोगों की जेबों से उनकी खून-पसीने की कमाई की चपत लगाने वाले बिल्डरों की अब मनमानी नहीं चलेगी. अगर केंद्र में मोदी सरकार की चली, तो देश में अब बाजार भाव के अनुसार निर्मित मकानों अथवा प्रॉपर्टीज की कीमतें भी तय होंगी. इसके लिए राजस्व विभाग की ओर से रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए आय की गणना को लेकर एक मसौदा नोट जारी किया गया है. इसके तहत इकाइयों की बिक्री और खरीद के संदर्भ में मूल्य की गणना बाजार कीमत के आधार पर की जायेगी.

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रीयल एस्टेट सौदों के लिये प्रस्तावित आय गणना और खुलासा मानदंड (आईसीडीएस) का मकसद आयकर कानून के प्रावधानों के साथ एकरूपता और निश्चितता प्रदान करना है. आईसीडीएस भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के दिशा-निर्देश नोट का अनुकरण करता है. रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून, 2016 (रेरा) के क्रियान्वयन के बाद यह मसौदा जारी किया गया है.

जमीन और मकान के संदर्भ में जमीन जायदाद क्षेत्र में सभी प्रकार के सौदों से आय के निर्धारण के लिये नियम लागू होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 26 मई तक संबंधित पक्षों से इस पर प्रतिक्रिया मांगा है.

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