मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि बीते चार साल के दौरान एक अदद आशियाना चाहने वालों के लिए घर खरीदना काफी मुश्किल हो गया है. सर्वे में कहा गया है कि इस दौरान घर लोगों की पहुंच से दूर हुए हैं. मुंबई में घर खरीदारों की पहुंच से सबसे अधिक दूर हुए हैं. रिजर्व बैंक जुलाई, 2010 से तिमाही आधार पर 13 शहरों में चुनिंदा बैंकों और आवास वित्त कंपनियों द्वारा दिये गये होम लोन पर आवासीय संपत्ति मूल्य निगरानी सर्वे (आरएपीएमएस) कर रहा है.
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रिजर्व बैंक ने गुरुवार को सर्वे जारी करते हुए कहा कि बीते चार साल में घर लोगों की पहुंच से दूर हुए हैं. इस दौरान आवास मूल्य से आमदनी (एचपीटीआई) अनुपात मार्च, 2015 के 56.1 फीसदी से बढ़कर मार्च, 2016 में 61.5 फीसदी हो गया है. यानी आमदनी की तुलना में मकानों की कीमत बढ़ी है. विभिन्न शहरों की बात की जाये, तो मुंबई में घर खरीदना सबसे मुश्किल और भुवनेश्वर में सबसे आसान है.
सर्वे कहता है कि इस दौरान औसत ऋण से आय (एलटीआई) अनुपात भी मार्च, 2015 के 3 फीसदी से मार्च, 2019 में 3.4 फीसदी हो गया है, जो घर के लोगों की पहुंच से दूर होने की पुष्टि करता है. सर्वे में कहा गया है कि औसत ऋण से मूल्य (एलटीवी) अनुपात 67.7 से 69.6 फीसदी हो गया है, जो दर्शाता है कि बैंक अब अधिक जोखिम उठाने लगे हैं. एलटीवी से तात्पर्य होम लोन पर ऋण जोखिम से है.
सर्वे में एक अन्य निष्कर्ष यह भी निकाला गया है कि औसत ईएमआई से आय (ईटीआई) अनुपात बीते दो साल के दौरान कमोबेश स्थिर बना हुआ है. यह ऋण की पात्रता के बारे में बताता है. हालांकि, अन्य शहरों की तुलना में मुंबई, पुणे और अहमदाबाद ने अधिक ऊंचा औसत ईटीआई दर्ज किया. यह अध्ययन मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, पुणे, जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, लखनऊ, भोपाल और भुवनेश्वर में किया गया.