नयी दिल्ली : बाजार में उतार-चढाव के बावजूद खुदरा निवेशकों के मजबूत समर्थन से म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंध के तहत जुटी परिसंपत्तियों (एयूएम) में 2018 में 3 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. उद्योग को उम्मीद है कि यह तेजी आगे भी जारी रह सकती है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति (एयूएम) नवंबर, 2018 अंत तक 13 फीसदी बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गयी थी.
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दिसंबर, 2017 के अंत में एयूएम 21.26 लाख करोड़ रुपये थी. पूरे साल के दौरान निवेशकों की संख्या में भी 1.3 करोड़ से अधिक की वृद्धि हुई है. हालांकि, उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर अंत तक के एयूएम के अंतिम आंकड़े नवंबर की तुलना में कुछ कम रह सकते हैं. इसकी वजह लिक्विड फंडों में निवेश में गिरावट है.
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के बिक्री एवं वितरण विभाग के राष्ट्रीय प्रमुख मनीष मेहता ने कहा कि तिमाही अंत के रुख और अग्रिम कर के भुगतान को ध्यान में रखते हुए हमें उम्मीद है कि उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति 23-23.5 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहेगी. 2017 में उद्योग के एयूएम में 32 फीसदी यानी 5.4 लाख करोड़ की वृद्धि दर्ज की गयी थी.
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