नयी दिल्ली: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) नेबुधवार को कहा कि उसने वालमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. यह 16 अरब डॉलर का अनुमानित सौदा है. वॉलमार्ट ने इस साल मई में फ्लिपकार्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की घोषणा की थी. सीसीआइ ने अधिग्रहण की घोषणा के महज तीन महीने के भीतर यह मंजूरी दे दी है. व्यापारियों के विभिन्न संगठन इस सौदे का विरोध कर रहे हैं. सीसीआइ ने ट्वीट किया, ‘‘@सीसीआइ_इंडिया वालमार्ट इंटरनेशनल होल्डिंग्स इंक द्वारा फ्लिपकार्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी.’
वॉलमार्ट ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि वह छोटे किसानों, विनिर्माताओं और किराना उपभोक्ताओं का समर्थन कर भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने को प्रतिबद्ध है. उसने कहा, ‘‘मजबूत उद्यमी नेतृत्व के साथ फ्लिपकार्ट भारत में महत्वपूर्ण भागीदार है और सांस्कृतिक तौर पर वॉलमार्ट के अनुकूल है. हमारा मानना है कि वॉलमार्ट की वैश्विक दक्षता और फ्लिपकार्ट के मिलने से हम दीर्घकालिक सफलता की स्थिति में होंगे और हम आर्थिक वृद्धि में योगदान देने में सक्षम होंगे.’ इस बीच खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वह इस निर्णय के खिलाफ अदालत जाएगी. कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीसीआइ ने कैट की आपत्तियों को दरकिनार कर सौदे को मंजूरी दे दी है. सीसीआइ ने कैट को पक्ष रखने का मौका नहीं देकर प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की अवहेलना की है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और हम निश्चित तौर पर इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.’
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