मुंबई : बंबई हाईकोर्ट ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के कामकाज ठप रहने को लेकर केंद्र को फटकार लगायी है. अदालत ने पूछा है कि डीआरटी के बंद होने पर देश के वित्त मंत्री सो रहे हैं? अदालत ने कहा कि मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है और शहर स्थित डीआरटी में एक महीने से कामकाज ठप पड़ा है. न्यायाधिकरण बैंकों, वित्तीय संस्थानों और उनके ग्राहकों के बीच कर्ज वसूली से जुड़े मामलों का निपटान करता है.
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डीआरटी का कार्यालय दक्षिण मुंबई के बेलार्ड एस्टेट की सिंधिया हाउस बिल्डिंग में है, लेकिन दो जून को इमारत में आग लगने के बाद से न्यायाधिकरण में कामकाज बंद है. इसको लेकर डीआरटी बार एसोसिएशन ने अदालत में याचिका दायर करके न्यायाधिरण के लिए दूसरा स्थान आवंटित करने की खातिर केंद्र सरकार को निर्देश देने की अपील की थी.
न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने बार एसोसिएशन की याचिका पर गंभीर टिप्पणी की. अदालत यह जानना चाहती है कि क्या केंद्र सरकार ने डीआरटी के लिए वैकल्पिक स्थान की पहचान की है. न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि हमारे पास मामला आने और न्यायालय के आदेश पारित करने से पहले ही सरकार को खुद से इस दिशा में काम करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश की वित्तीय राजधानी में ऋण वसूली न्यायाधिकरण में कामकाज नहीं हो रहा है. क्या वित्त मंत्री सो रहे हैं? न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 25 जुलाई तय की है और केंद्र से तब तक न्यायाधिकरण के कार्यालय के लिये दूसरे स्थान की पहचान करने को कहा है.
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