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रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा में आपके काम की पांच खास बातें

भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ ने बुधवार को जारी वित्तीय वर्ष में अपनी दूसरी मौद्रिक समीक्षा पेश की. इस मौद्रिक समीक्षा में आबीआइ ने चौथाई फीसदी ब्याज दर बढ़ा दी है. इसके बाद प्रमुख बैंकरों ने भी ब्याज दर बढ़ाने का संकेत दिया है, जिससे हमारी आपकी इएमआइ बढ़ सकती है. उद्योग जगत […]

भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ ने बुधवार को जारी वित्तीय वर्ष में अपनी दूसरी मौद्रिक समीक्षा पेश की. इस मौद्रिक समीक्षा में आबीआइ ने चौथाई फीसदी ब्याज दर बढ़ा दी है. इसके बाद प्रमुख बैंकरों ने भी ब्याज दर बढ़ाने का संकेत दिया है, जिससे हमारी आपकी इएमआइ बढ़ सकती है. उद्योग जगत ने भी कहा है कि ब्याज दर की आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ेगा. आरबीआइ ने क्रूड ऑयल की कीमत को लेकर चिंता जतायी है. हालांकि इस सबसे बड़ी घोषणा के अलावा भीआबीआइ की मौद्रिक नीति में आम आदमी के काम की कई अहम बातें-खबरें होती हैं, जिसके बारे में जानना जरूरी है.

सस्ते मकानों के लिए सस्ते कर्ज की सीमा बढ़ायी

रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति में सस्ते मकानों के लिए सस्ते कर्ज की सीमा बढ़ा दी है. अब प्राथमिक क्षेत्र कर्ज पात्रता के तहत बड़े शहरों में आवास ऋण की सीमा 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 35 लाख रुपये कर दिया गया है. अन्य शहरों के लिए इस कर्ज की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गयी है.


छोटे आवासीय कर्ज पर अब लगाम

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में छोटे आवासीयकर्ज को लेकर चिंता जताई और ऐसे छोटे कर्ज पर नजर रखने पर जोर दिया. रिजर्व बैंक ने कहा है कि आवासीय कर्ज के आंकड़ों का सावधानी पूर्वक विश्लेषण करने पर यह देखा गया है कि दो लाख रुपये तक के कर्ज में एनपीए ऊंचा है और यह तेजी से बढ़ रहा है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बैंकों को ऐसे कर्ज देते समय गहन जांच-पड़ताल करनी चाहिए छोटी राशि की इस कर्ज श्रेणी पर नजर रखनी चाहिए.

एसएमइ के कर्ज को एनपीए में डालने का नियम उदार बनाया

सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यमों (एमएसएमइ) को बड़ी राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने आज इन इकाइयों के कर्ज को एनपीए श्रेणी में डालने के नियमों को उदार बनाया है. ये इकाइयां माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के तहत इनपुट क्रेडिट से जुड़े कई मुद्दों का सामना कर रही हैं. वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने कहा , ‘‘ एमएसएमइ को राहत और समर्थन जारी रखते हुये अब जीएसटी और गैर – जीएसटी एमएसएमई के बकाये को लेकर 31 दिसंबर 2018 तक एनपीए की पहचान 180 दिन में होगी. ‘ अब सभी पंजीकृत और गैर – पंजीकृत एमएसएमई के लिए एक सितंबर 2017 से लेकर 31 दिसंबर 2018 तक उनके बकाये पर 180 दिन का एनपीए नियम लागू होगा.

किसान कर्ज माफी पर बैंक एनपीए का असर नहीं

रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने स्पष्ट कहा कि विभिन्न राज्यों में किसानों के कर्ज माफ करने का बैंकों की गैर – निष्पादित राशि (एनपीए) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. पिछले कुछ महीनों के दौरान कई राज्यों ने किसानों के कर्ज माफ किये हैं. पिछले सप्ताह ही राजस्थान सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये की किसान कर्ज माफी योजना शुरू की. पटेल ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा जारी करने के बाद कहा, ‘‘ विभिन्न राज्य सरकारों ने अब तक जो भी कृषिकर्ज माफ किये हैं उसके लिए राशि अपने बजट से दी है. इसलिए इसका सीधा असर बैंकों के एनपीए पर नहीं पड़ा है.’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी कृषि मर्ज माफी की घोषणा की है. यानी इससे साफ है कि किसानों के कर्ज माफी रिजर्व बैंक अपनी ओर से किसी तरह का रोक लगाने की मूड में नहीं है.

सहकारी बैंकों को जल्द मिल सकता है लघु वित्त बैंक का दर्जा

रिजर्व बैंक शहरी सहकारी बैंकों को लघु वित्त बैंकों में बदलने के लिए जल्द ही एक योजना लेकर आएगा. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक को इस बदलाव के लिये कुछ वर्गों से मांग पत्र मिले हैं. विश्वनाथन ने दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद कहा , ‘‘ शहरी सहकारी बैंकों को लघु वित्त बैंकों में परिवर्तित करने के लिए हम जल्द ही विस्तृत योजना लेकर आयेंगे ‘ रिजर्व बैंक की योजना ज्यादा से ज्यादा बैंकिंग कंपनियों को अखिल भारतीय स्तर पर भुगतान मंच पर लाने की है ताकि इस क्षेत्र में नवोन्मेष और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके. रिजर्व बैंक के जारी मौद्रिक समीक्षा दस्तावेज में कहा गया है कि इस बारे में एक नीतिगत दस्तावेज को 30 सितंबर 2018 तक सार्वजनिक विचार विमर्श और टिप्पणियों के लिए जारी कर दिया जाएगा.

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