चार दोस्तों ने मिलकर एक एप्स बनाया एप बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय होने लगा. 9 महीने में ही इसे 50 लाख से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया. बच्चों को ईमानदारी सीखाने वाली एप टीबीएच ( टू बी ऑनेस्ट) को फेसबुक ने 650 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. इस एप को नौ हफ्ते […]
चार दोस्तों ने मिलकर एक एप्स बनाया एप बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय होने लगा. 9 महीने में ही इसे 50 लाख से भी ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया. बच्चों को ईमानदारी सीखाने वाली एप टीबीएच ( टू बी ऑनेस्ट) को फेसबुक ने 650 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. इस एप को नौ हफ्ते ही पूरे हुए थे कि फेसबुक की नजर इस पड़ी और अच्छी कीमत पर इसे खरीद लिया. इस एप्स को चार दोस्तों ने मिलकर बनाया था. दोस्तों के पास अभी दो महीने इस एप्स को बचाने का पैसा बचा था. उन्होंने लंबी योजना के तहत इसकी शुरूआत की थी लेकिन फेसबुक ने बहुत जल्द इसे खरीद लिया था. टीबीएच (टू बी ऑनेस्ट) एप के चारों संस्थापक अब फेसबुक में काम करने लगे हैं. नौ हफ्ते में ही इसे 50 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है.
चार दोस्तों ने मिलकर पहले एक कंपनी बनायी. कंपनी का नाम मिडनाइट लैब्स रखा और एप्स पर काम करना शुरू कर दिया. चारो दोस्त 2010 से साथ हैं. दोस्तों ने इस कंपनी के तहतपर्सनल फाइनेंस और चैट एप्स बनाती थी लेकिन इससे उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ. कंपनी को नुकसान होने लगा. 2013 तक कंपनी की हालत खराब हो गयी. कई बड़े इन्वेस्टमेंट के बावजूद कंपनी कुछ खास नहीं कर पाई. 2017 तक कंपनी को पैसे की दिक्कत हो गयी. चार दोस्तों ने मिलकर बैठक की और एक एप्स बनाया जो सकारात्मकता को बढ़ावा दे. इस एप्स को पहली बार बच्चों के बीच ले जाया गया. लगभग 40 फीसद बच्चों ने उसी दिन इस एप्स को डाउनलोड कर लिया.
इसके बाद कई स्कूलों में इसका प्रचार किया गया जहां बच्चों ने इसे खूब पसंद किया. इसे डाउनलोड करते ही फ्रेंड लिस्ट बनती है.इसमें तरह तरह के सवाल होते हैं जैसे आपको मुश्किलों में भी कौन हंसा सकता है? यूजर के सामने जवाब के 4 दोस्तों के विकल्प होते हैं. जैसे ही वह इन चार दोस्तों में से किसी एक को चुनता है उसके पास यह संदेश चला जाता है.इस संदेश में उसे यह पता नहीं चलता कि किसने उसके लिए ऐसा भेजा है. इस एप्स को इसलिए भी पसंद किया जा रहा है क्योंकि आप अपना नाम बताये बगैर अपने दोस्त की खूबी उसे बता सकते हैं.
फेसबुक के साथ हुई डील क्यों है खास
इस एप को बनाये हुए सिर्फ 9 हफ्ते हुए थे. इसे फेसबुक ने 650 करोड़ रुपये में खरीदा है. इसलिए इस डील को खास माना जा रहा है. एक अनुमान के अनुसार रोजाना इसके 25 लाख एक्टिव यूजर्स हैं. इसमें ज्यादातर हाईस्कूल मे पढ़ने वाले छात्र हैं. इसे बनाने वाले निकिता बियर, एरिक हैजार्ड, कायले जारागोजा और निकोलस ड्यूस्डोडोन अब फेसबुक हेडक्वार्टर में बैठकर इस एप्स में कई चीजें जोड़ेंगे. इसे और बेहतक बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. इसे बनाने वाली टीम में शामिल निकिता का कहना है कि फेसबुक से मीटिंग की, तो हमें महसूस हुआ कि सकारात्मक बातचीत के जरिए लोगों को जोड़ने में उनकी और हमारी कोर वैल्यूज लगभग समान हैं. इस एप्स से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सकें इसके लिए फेसबुक के साथ मिलकर काम करने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता.
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