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GST: इनपुट क्रेडिट का अधिक दावा करने वाले व्यापारियों को करना होगा 24 फीसदी ब्याज का भुगतान

नयी दिल्लीः वित्त मंत्रालय की आेर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के दो दिन पहले उसके प्रावधानों को अधिसूचित कर तो दिया है, लेकिन एक जुलार्इ को जीएसटी लागू हो जाने के बाद व्यापारियों की परेशानी बढ़ने वाली है. इसकी वजह यह है कि जीएसटी प्रावधानों के तहत एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर […]

नयी दिल्लीः वित्त मंत्रालय की आेर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के दो दिन पहले उसके प्रावधानों को अधिसूचित कर तो दिया है, लेकिन एक जुलार्इ को जीएसटी लागू हो जाने के बाद व्यापारियों की परेशानी बढ़ने वाली है. इसकी वजह यह है कि जीएसटी प्रावधानों के तहत एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर (आर्इजीएसटी) के तहत अगर कारोबारियों ने इनपुट क्रेडिट का अधिक दावा किया, तो उन्हें 24 फीसदी का ब्याज देना होगा. इसी तरह यदि वे आउटपुट कमी का दावा करते हैं, तब भी उन्हें 24 फीसदी की दर से ब्याज भरना होगा.

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वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, कर का देरी से भुगतान करने पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा. इसके साथ ही, इनपुट क्रेडिट का अधिक दावा करने के मामले में 24 प्रतिशत आैर आउटपुट देनदारी में अधिक कमी करने पर भी उन्हें 24 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा. इतना ही नहीं, यदि रिफंड रोका जाता है, तो उस पर 6 प्रतिशत दर से ब्याज देना होगा. इसके अलावा, मंत्रालय केंद्रीय जीएसटी नियमों में 12 संशोधनों को भी अधिसूचित कर रहा है.

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में ब्याज की गणना करना, इनपुट कर क्रेडिट और मूल्यांकन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं. वित्त मंत्रालय केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी), एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) और संघ शासित प्रदेश जीएसटी कानून के प्रावधानों और उनसे जुड़े नियमों को अधिसूचित कर रहा है. इनमें कर चालान, क्रेडिट और डेबिट नोट, लेखा और रिकार्ड, रिटर्न, कर के भुगतान, रिफंड, आकलन एवं आडिट तथा अग्रिम नियमन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं. इसके साथ ही, मंत्रालय ने अपील और पुनर्समीक्षा, बदलाव के दौर से जुड़े प्रावधानों, मुनाफा-रोधी और ई-वे से जुड़े नियमों को भी अधिसूचित किया गया है. ये नियम एक जुलाई से अमल में आ जायेंगे.

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