Bihar Politics: बिहार की राजनीति में हलचल उस वक्त और तेज हो गई जब बीते कुछ दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार जल्द ही राजनीति में कदम रख सकते हैं. न केवल पार्टी के भीतर से बल्कि उनके समर्थकों द्वारा भी इस विचार को खुलकर समर्थन मिल रहा था. पटना में जदयू कार्यालय के बाहर लगे पोस्टरों में निशांत को ‘बिहार का भविष्य’ और ‘विकास पुरुष का बेटा’ बताया गया. जिससे यह संकेत और मजबूत हो गया था कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं.
सभी अटकलों पर जदयू ने लगाया विराम
लेकिन अब इन अटकलों पर जदयू ने विराम लगा दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने स्पष्ट किया है कि निशांत कुमार के राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “अभी निशांत कुमार के राजनीति में आने का कोई विचार नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से सक्रिय हैं और अगला चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.”
इस बयान से उन कयासों पर पानी फिर गया है, जिसमें कहा जा रहा था कि जदयू नेतृत्व में बदलाव हो सकता है और निशांत कुमार को आगे लाने की तैयारी हो रही है.
हाल ही में JDU विधायक ने दिया था संकेत
बता दें कि जदयू विधायक गोपाल मंडल ने हाल ही में बयान दिया था कि यदि निशांत कुमार पार्टी में सक्रिय नहीं होते हैं, तो जदयू में टूट की स्थिति आ सकती है. उन्होंने कहा था कि “निशांत ही पार्टी को संभाल सकते हैं और उनका राजनीति में आना अब जरूरी हो गया है.”
पटना में समर्थकों द्वारा लगाया गया था पोस्टर
इस बीच, समर्थकों द्वारा लगाए गए पोस्टरों में निशांत कुमार को ‘ईमानदारी और जनसेवा की नई पीढ़ी’ बताया गया. इन पोस्टरों में यह भी लिखा गया था कि वे जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा और नीतीश कुमार की कार्यशैली के वारिस हैं.
निशांत की राजनीतिक एंट्री अभी मूल धरातल से दूर
हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से आए ताजा बयान ने फिलहाल यह स्पष्ट कर दिया है कि निशांत कुमार की राजनीतिक एंट्री की सारी अटकलें अभी मूल धरातल से दूर हैं. ऐसे में बिहार की सियासी फिजाओं में जो गर्मी निशांत कुमार के नाम पर चढ़ रही थी, वह अब थमती नजर आ रही है.

