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Raghunathpur Vidhan Sabha| सीवान, जितेंद्र उपाध्याय : सीवान जिले के रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी प्रचार इन दिनों पूरे शबाब पर है. पिछले तीन दिनों से रिमझिम बारिश के बीच भी चुनावी तपिश साफ नजर आयी है. शनिवार को सलोनेपुर बाजार की कुछ दुकानों पर चाय की चुस्की के साथ लोग राजनीतिक गपशप करते दिखे. मैं भी उनके साथ बैठ गया और बातचीत में शामिल हो गया. मैंने पूछा, इस बार वोटरों का मिजाज क्या है. सवाल सुनते ही सभी कुछ पल के लिए खामोश हो गये, पर गरजू चौधरी ने चुप्पी तोड़ते कहा कि क्या मिजाज बताएं. यहां पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा चुनाव लड़ रहे हैं.
लोग इस बार विकास के साथ, बोले केदार साह
मैंने पूछा,“किस पार्टी से? वे बोले, लालू की पार्टी से. यह सुनते बगल में बैठे केदार साह ने कहा कि लोग इस बार विकास के साथ हैं. नीतीश और मोदी के नाम पर वोट पड़ेगा. उनका इशारा जदयू प्रत्याशी विकास कुमार सिंह की ओर था. कन्हैया प्रसाद ने भी हामी भरते कहा कि उम्मीदवार को देखा नहीं है, पर वोट भाजपा और जदयू के नाम पर पड़ेगा.
वोट मांगने सब आते हैं, चुनाव के बाद कोई नहीं आता – ताज मोहम्मद
ताज मोहम्मद बोले, “सब वोट मांगने आते हैं, पर चुनाव के बाद कोई पूछने नहीं आता. 40 साल पहले टेढ़ीघाट से दर्वेशपुर तक नहर बनी थी, सैकड़ों किसानों की जमीन चली गयी, पर उसमें आज तक पानी नहीं आया.” लोगों का कहना था कि इस बार बदलाव की बयार है, लेकिन आखिरकार सामाजिक समीकरण ही नतीजे तय करेंगे. एनडीए और महागठबंधन दोनों इसी आधार पर मतदाताओं के ध्रुवीकरण में जुटे हैं.
टेढ़ीघाट से हुसैनगंज तक जातीय खेमों में बंटा जनमानस
अगला पड़ाव टेढ़ीघाट बाजार था. यहां भी जातीय खेमों में बंटे लोगों का रुझान स्पष्ट दिखा. स्थानीय लोगों ने बताया कि राजद के हरिशंकर यादव दो बार से विधायक हैं और उनका यादव-मुस्लिम वोट बैंक मजबूत है. इस बार राजद से ओसामा मैदान में हैं और हरिशंकर यादव उनके प्रचार में सक्रिय हैं. उधर, जदयू प्रत्याशी विकास कुमार सिंह को सवर्ण, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों से समर्थन मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है. हुसैनगंज बाजार पहुंचने पर वहां रमेश प्रसाद ने कहा कि लोग स्थानीय मुद्दों से ज्यादा दलों के शीर्ष नेतृत्व को देख रहे हैं. जातीय समीकरण के आगे विकास के मुद्दे गौण हो गये हैं.
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मुस्लिम, राजपूत और यादव मतदाता निर्णायक
रघुनाथपुर सीट पर मुसलमान, यादव और राजपूत निर्णायक भूमिका में हैं. हरिशंकर यादव के समर्थकों के अनुसार मुसलमान और यादव मिलाकर लगभग 25 प्रतिशत मतदाता हैं, जबकि राजपूतों की संख्या भी लगभग उतनी ही है. इसके अलावा कोईरी, कुर्मी और अति पिछड़े वर्ग के मतदाता भी प्रभावी हैं. एनडीए खेमे का कहना है कि पिछले चुनाव में उनके वोट विभाजित हो गये थे. उस समय मनोज सिंह (लोजपा) दूसरे स्थान पर और राजेश्वर चौहान (जदयू) तीसरे स्थान पर रहे थे. इस बार गठबंधन में एकजुटता है, जिससे समीकरण बदल सकते हैं.
कांग्रेस का कभी रहा गढ़, अब बदल गया समीकरण
जिले की आठ सीटों में रघुनाथपुर कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है. पिछले 17 चुनावों में कांग्रेस ने आठ बार जीत दर्ज की है. इनमें विजय शंकर दूबे ने चार बार और रामनंदन यादव ने तीन बार जीत हासिल की. हालांकि 2005 के बाद से यह सीट गैरकांग्रेसी दलों के हाथ में चली गयी.
बाद में जगमातो देवी यहां की पहली महिला विधायक बनीं
वर्ष 1977 में विक्रम कुंवर ने जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज कर शुरुआत की थी. बाद में उन्होंने जनता दल और भाजपा दोनों से जीत दर्ज की. निर्दल और जदयू प्रत्याशी के रूप में जगमातो देवी यहां की पहली महिला विधायक बनीं. वर्तमान में राजद के हरिशंकर यादव दो बार से विधायक हैं और इस बार ओसामा के लिए प्रचार कर रहे हैं.
शहाबुद्दीन की विरासत बनाम विकास की राजनीति
शहाबुद्दीन अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी छाया अब भी रघुनाथपुर की राजनीति पर बनी हुई है. इस बार का पूरा चुनाव एक तरह से “शहाबुद्दीन बनाम विकास” की टक्कर बन गया है. एक ओर उनके समर्थक ओसामा के साथ हैं, वहीं विरोधी मतदाता इस बार बदलाव के पक्ष में माने जा रहे हैं.
शिक्षा और रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा
शिक्षा और रोजगार को लेकर युवा नाराज
युवाओं की नाराजगी शिक्षा और रोजगार को लेकर है. इंटर के बाद यहां कोई बड़ा शिक्षण संस्थान नहीं है. लड़कियों को आगे की पढ़ाई के लिए यूपी के देवरिया, बलिया, गोरखपुर या वाराणसी जाना पड़ता है. सिंचाई की समुचित व्यवस्था न होने और छोटे जोत के कारण खेती लाभकारी नहीं है. परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में युवा रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं.
Raghunathpur Vidhan Sabha: 7 प्रत्याशी मैदान में
रघुनाथपुर सीट से कुल सात उम्मीदवार मैदान में हैं. प्रमुख मुकाबला जदयू के विकास कुमार सिंह और राजद के ओसामा सहाब के बीच है. इनके अलावा जन सुराज से राहुल कीर्ति सिंह, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से कुमार संतोष, और तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल से पशुपति नाथ चतुर्वेदी भी चुनावी मैदान में हैं. इन दलों के उम्मीदवार भले ही अपेक्षाकृत कमजोर दिख रहे हों, लेकिन इनके हिस्से के वोट अंतिम परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं.
मतदाताओं के आंकड़े : एक नजर में
- 2,93,101 कुल मतदाता
- 154452 पुरुष मतदाता
- 138640 महिला मतदाता
- 9 थर्ड जेंडर
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