16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Mokama Vidhan Sabha Chunav 2025: टाल की ‘बारूदी हवा’ ने बदली मोकामा विधानसभा की बिसात

Mokama Vidhan Sabha Chunav 2025: मृत्युंजय बताते हैं कि अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह को जिम्मेदार ठहराकर यह दिखाने का प्रयास किया है कि दुलारचंद यादव की हत्या का पूरा मामला राजनीतिक षड्यंत्र है, पर यह साफ है कि हत्या के बाद से माहौल बेहद संवेदनशील है और जमीनी सच्चाई यह भी है कि दुलारचंद यादव की हत्या ने एक खेमे को बड़े नुकसान की आशंका से डरा दिया है.

Mokama Vidhan Sabha Chunav 2025| पटना, अनिकेत त्रिवेदी : दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है. टाल की बारूदी हवा ने यहां के चुनावी गणित को और उलझा दिया है. अब यहां के मुद्दों को विकास से आगे निकाल जातीय समीकरण को पार करते हुए बैकवर्ड-फॉरवर्ड के मुहाने पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. यहां की जमीनी स्थिति का जायजा हमारे पटना संवाददाता ने लिया और लोगों के मन-मिजाज को टटोलने की कोशिश की.

दुलारचंद की हत्या के बाद पूरा टाल क्षेत्र खामोश

गुरुवार की घटना के बाद पूरा टाल क्षेत्र खामोश है. अनंत सिंह और सूरजभान सिंह के अलावा अब इस खेल में तीसरे बाहुबली ने इंट्री ली है. जाति की राजनीति करनेवाले नेता रात के अंधेरे में आकर कैंपेनिंग कर रहे और जातीय राजनीति की धार को तेज कर रहे हैं. कुल मिलाकर मोकामा विधानसभा क्षेत्र काे पहली बार त्रिकोणीय बनाने की कोशिश चल रही है. शुक्रवार तारतरपुर में जब मैं पहुंचा, तो खामोशी कायम थी. यहां धनंजय नामक एक युवक ने बताया कि भूमिहार जाति के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में अब यादव-धानुक समुदाय के समीकरण ने सत्ता-संतुलन को चुनौती दी है.

2015 के चुनाव में भी हुई थी राजनीतिक हत्या

तारमरपुर से निकल कर मैं मोहनपुर पहुंचा. यहां मिले रामलखन प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2015 के चुनाव से पहले भी पुटुस हत्याकांड हुआ था. उस दौरान अनंत सिंह पर आरोप लगे थे और उनको जेल जाना पड़ा था. तब लालू प्रसाद यादव ने अपनी कई चुनावी सभा में पुटुस हत्याकांड को यादव के लड़के की हत्या करार देते हुए मामला उठाया था. हालांकि उस चुनाव में अनंत सिंह को जीत मिली थी. बगल में खड़े मृत्युंजय ने बताया कि दुलारचंद यादव की हत्या ने चुनावी माहौल को अचानक जातीय और भावनात्मक दिशा देने की कोशिश की है, पर इसका असर चुनाव परिणाम कैसा होगा, यह देखना होगा.

Mokama Vidhan Sabha Chunav 2025: दुलारचंद की हत्या ने एक खेमे को डराया

मृत्युंजय बताते हैं कि अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह को जिम्मेदार ठहराकर यह दिखाने का प्रयास किया है कि दुलारचंद यादव की हत्या का पूरा मामला राजनीतिक षड्यंत्र है, पर यह साफ है कि हत्या के बाद से माहौल बेहद संवेदनशील है और जमीनी सच्चाई यह भी है कि दुलारचंद यादव की हत्या ने एक खेमे को बड़े नुकसान की आशंका से डरा दिया है.

बिहार चुनाव की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

जीत का रास्ता : जातीय समीकरण या रणनीतिक चतुराई

गोसांईं गांव के पास मिले कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि जाति राजनीति जितनी सीधी दिखती है, उतनी होती नहीं है. मोकामा विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 2,84,108 है. जिसमें सबसे अधिक भूमिहार जाति की संख्या करीब 90 हजार है. दूसरे नंबर पर धानुक जाति के मतदाता करीब 60 हजार है. तीसरे स्थान पर यादव 30 हजार हैं. पासवान जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 22 हजार, करीब 15 हजार मुस्लिम, 10 से 12 हजार कुर्मी, 10 हजार मल्लाह, 10 हजार राजपूत जाति के मतदाता हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, रजक, मांझी आदि जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 30 हजार है.

राजद उम्मीदवार भूमिहार वोट में सेंध लगाने की कोशिश में

लोगों ने बताया कि इस बार जनसुराज के पीयूष प्रियदर्शी धानुक समाज के होने के कारण वोट अपनी तरफ लेने का दावा कर रहे हैं. राजद के उम्मीदवार अपने कोर वोटर के अलावा भूमिहार जाति में सेंध लगाने की कोशिश में हैं और जदयू को भूमिहार के अलावा कोर वोटर कुर्मी-कुशवाहा के साथ धानुकों का साथ मिलने की उम्मीद है. अब जाति के गणित में कौन कितना फिट बैठा लेता है, यह 14 नवंबर को तय होगा. कुछ जानकारों ने बताया कि यह सीट बाहुबल की ताकत से नहीं, समाज की संवेदनाओं, जातीय गोलबंदी और रणनीतिक चतुराई से तय होगी.

सूरजभान सिंह ने अनंत सिंह के भाई को दी थी शिकस्त

पूर्व विधायक अनंत सिंह के बड़े भाई स्व दिलीप सिंह ने 1990 और 1995 के विधानसभा चुनाव में मोकामा से जीत दर्ज की थी. लेकिन वर्ष 2000 में हुए चुनाव में सूरजभान सिंह ने जेल में रहते दिलीप सिंह को भारी मतों से पराजित कर जीत दर्ज की थी. हालांकि उसके बाद सूरजभान सिंह बलिया से सांसद चुने गये और उन्होंने फिर विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा.

फरवरी 2005, नवंबर 2005 और 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. जदयू से संबंध टूटने के बाद वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह निर्दलीय मैदान में उतरे और जीत हासिल की, तो 2020 में राजद से उम्मीदवार बने और चुनाव जीतने में सफल रहे.

मोकामा विधानसभा सीट पर कब-कौन जीता?

  • 2022 उपचुनाव में नीलम देवी राजद से 16741 वोटों से जीतीं
  • 2020 में अनंत सिंह राजद से 35757 वोटों से जीते
  • 2015 में अनंत सिंह निर्दलीय 18348 वोटों से जीत
  • 2010 में अनंत सिंह जदयू से 8954 वोटों से जीते

इसे भी पढ़ें

इलेक्शन कमीशन की कार्रवाई जारी, 100 करोड़ से अधिक नकदी, शराब और ड्रग्स जब्त, 953 गिरफ्तार

दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था – कार्यकर्ता बनाने का भी वक्त होता है चुनाव

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel