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दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था – कार्यकर्ता बनाने का भी वक्त होता है चुनाव

Bihar Election 2025: गंगा प्रसाद ने अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा एक वाकया भी बताया. कहा-वह साल 1979 का रहा होगा. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी केंद्र सरकार में कार्यवाहक विदेश मंत्री थे. केंद्र की जनता पार्टी की सरकार गिरने वाली थी और मध्यावधि चुनाव की घोषणा हो चुकी थी. इसी दौरान अटल पटना आये. उन्हें हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से मुजफ्फरपुर जाना था.

Bihar Election 2025: वर्ष 1967 में मैं जनसंघ प्रत्याशी के रूप में दानापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा था. मेरे प्रचार में दीनदयाल उपाध्याय स्वयं दानापुर आये थे. उस दौरान मुझे उन्हें करीब से देखने और समझने का अवसर मिला. यात्रा के दौरान दीनदयाल जी ने कहा था कि हम सत्ता सुख के लिए राजनीति नहीं कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य राजनीति में मूल्यों की स्थापना, उसके क्षरण को रोकना और समाज को जागृत करना है.

डायरी में दिन भर की गतिविधियां अंकित करते थे

नियमित यात्राओं और व्यस्तताओं के बावजूद वे अपना कार्य स्वयं करते थे. उनके झोले में हमेशा एक डायरी रहती थी, जिसमें दिनभर की गतिविधियां और विचार अंकित करते थे. दानापुर प्रवास के दौरान उन्होंने मुझसे कहा था, चुनाव में जीत-हार होती रहती है, लेकिन यह कार्यकर्ता निर्माण और संगठन विस्तार का अवसर भी होता है. विवेक, धैर्य, क्षमा, शांति और समन्वय प्रवृत्ति, इन पांच दिव्य गुणों को अपने अभ्यास से व्यावहारिक जीवन में शामिल करो. संगठन का मूल मंत्र यही है.

Bihar Election: जब अटल जी खटिया पर लेट गये

गंगा प्रसाद ने अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा एक वाकया भी बताया. कहा-वह साल 1979 का रहा होगा. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी केंद्र सरकार में कार्यवाहक विदेश मंत्री थे. केंद्र की जनता पार्टी की सरकार गिरने वाली थी और मध्यावधि चुनाव की घोषणा हो चुकी थी. इसी दौरान अटल पटना आये. उन्हें हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से मुजफ्फरपुर जाना था. मैं उनका स्वागत करने पटना हवाई अड्डे पहुंचा था. जब वे विमान से उतरे और बाहर आये, तो मैंने उन्हें अपने घर चलने का आग्रह किया. लेकिन वे तैयार नहीं हुए. बोले-अभी नहीं.

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अटल जी के सीने में अचानक शुरू हुआ दर्द

तभी अचानक अटल जी के सीने में जलन और दर्द शुरू हुआ. आग्रह पर वे मेरे घर चलने को तैयार हो गये. आते ही खाट पर लेट गये. उनके साथ आये लोग उनकी पीठ दबा रहे थे, पर आराम नहीं मिला. तब डॉ सीपी ठाकुर को बुलवाया गया. उस समय डॉ ठाकुर पटना के प्रमुख चिकित्सकों में गिने जाते थे, वे सांसद नहीं बने थे.

डॉ ठाकुर ने अटलजी को दी 2 गोलियां

डॉ ठाकुर आये और अटल जी को दो गोलियां दीं. कुछ देर बाद उन्हें आराम मिला. इसके बाद वे दिल्ली लौट गये. चुनावों के दौरान अटल जी का पटना आना-जाना होता था. उन्हें घर का बना ताजा खाना बहुत पसंद था. जब भी आते, खाने की टेबल आंगन में लगायी जाती. सामने ही किचन होता था. मेरी पत्नी गर्म-गर्म खाना बनातीं और उन्हें परोसा जाता था.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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