Bihar Politics: बिहार की राजनीति में मंगलवार को नया बवंडर खड़ा हो गया. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के 2023 में दिए गए विवादित बयान ने एक बार फिर सूबे की सियासत को झकझोर दिया है. दरअसल, राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में जब रेवंत रेड्डी मंच पर दिखाई दिए, तो जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने इसे बिहारियों का अपमान करार देते हुए तीखा पलटवार किया. किशोर ने न केवल रेवंत बल्कि राहुल गांधी और कांग्रेस की रणनीति पर भी सवाल खड़े किए हैं.
2023 का बयान बना सियासी हथियार
याद दिला दें कि दिसंबर 2023 में तेलंगाना कांग्रेस नेता (और मौजूदा सीएम) रेवंत रेड्डी ने तत्कालीन सीएम केसीआर पर हमला बोलते हुए कहा था, “मेरा डीएनए तेलंगाना का है, जबकि केसीआर का डीएनए बिहारी है. तेलंगाना का डीएनए बिहार से बेहतर है.”
उन्होंने आगे दावा किया कि केसीआर की जाति कुरमी है, जिनकी जड़ें बिहार से जुड़ी हैं. इस बयान को बिहारियों ने बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक माना था. उस वक्त बीजेपी नेताओं रविशंकर प्रसाद और नित्यानंद राय ने इसे ‘जातिवादी और विभाजनकारी’ बताकर माफी की मांग की थी. मगर रेवंत ने खेद तक व्यक्त नहीं किया. अब जब राहुल गांधी की यात्रा के मंच पर वही रेवंत रेड्डी मौजूद रहे, तो प्रशांत किशोर ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है.
प्रशांत किशोर का तीखा वार
प्रशांत किशोर ने कहा कि रेवंत ने बिहारियों की मेहनत और पहचान का मजाक उड़ाया था. “रेवंत कहते हैं कि बिहारियों के डीएनए में मजदूरी है. ऐसे व्यक्ति को राहुल गांधी मंच पर घुमा रहे हैं. इससे उनकी मानसिकता झलकती है कि उन्हें बिहारियों की भावनाओं की परवाह नहीं है.” PK ने चुनौती देते हुए कहा कि राहुल गांधी अगर सचमुच बिहारियों का दर्द समझना चाहते हैं तो किसी गांव में एक रात बिताकर देखें. वहीं रेवंत रेड्डी से उन्होंने माफी की मांग की और कहा, “अगर वे गांवों में जाएंगे, तो जनता उन्हें लाठी-डंडों से भगा देगी.”
कांग्रेस की ‘रेवंत रणनीति’ पर सवाल
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस पहले से ही बिहार में कमजोर है. ऐसे में रेवंत रेड्डी जैसे नेता को बिहार के मंच पर लाना रणनीतिक भूल साबित हो सकता है. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यह कदम उनकी “बिहार विरोधी मानसिकता” को दिखाता है. बीजेपी ने भी मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. पार्टी नेताओं ने रेवंत के बयान को उत्तर-दक्षिण के बीच विभाजन की कोशिश बताया और महागठबंधन पर बिहारियों का अपमान करने का आरोप लगाया.
तेजस्वी यादव की चुप्पी पर उठे सवाल
महागठबंधन में इस पूरे विवाद को लेकर सबसे ज्यादा दबाव आरजेडी और उसके नेता तेजस्वी यादव पर है. हालांकि, उन्होंने अब तक रेवंत रेड्डी के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की है. बीजेपी उनकी चुप्पी को कमजोरी बता रही है और आरोप लगा रही है कि “कुर्सी बचाने के लिए तेजस्वी बिहारियों के अपमान पर भी मौन हैं.” कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी और राहुल गांधी मंच पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने भी रेवंत के बयान पर कुछ नहीं कहा. इससे बीजेपी और प्रशांत किशोर दोनों को कांग्रेस पर हमले का मौका मिला.
बिहार में रेवंत की ‘औकात’ पर बहस
बिहार की राजनीति में रेवंत रेड्डी कोई बड़ा चेहरा नहीं हैं. तेलंगाना की राजनीति में उनकी भूमिका अहम रही, लेकिन बिहार में उनकी पहचान बेहद सीमित है. प्रशांत किशोर ने इस पर भी तंज कसते हुए कहा, “रेवंत रेड्डी की बिहार में क्या औकात है? उन्होंने बिहार के लिए क्या किया है? जनता उन्हें गांव में दौड़ा देगी.”

