PM Modi Abusive Word Controversy Row: दरभंगा में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान सामने आए एक कथित वायरल वीडियो ने बिहार की राजनीति को गरमा दिया है. इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी माता जी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की बात कही जा रही है. विपक्षी दलों के इस कथित बयान पर अब सत्ता पक्ष और अन्य राजनीतिक दलों ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे लोकतांत्रिक मर्यादा के खिलाफ बताया है.
विपक्ष को भुगतना होगा परिणाम: नित्यानंद राय
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने पटना में मीडिया से बात करते हुए इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि बिहार सीता माता की धरती है और यहां मां के सम्मान की परंपरा रही है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की माता को गाली देना सिर्फ एक नेता का ही नहीं, बल्कि बिहार के गौरव और संस्कृति का अपमान है. नित्यानंद राय ने आरोप लगाया कि RJD और कांग्रेस बार-बार प्रधानमंत्री और उनके परिवार को निशाना बनाते हैं, जो बेहद निंदनीय है. उन्होंने चेतावनी दी कि जनता इस अपमान का करारा जवाब देगी और विपक्ष को इसका परिणाम भुगतना होगा.
#WATCH | पटना, बिहार: केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने दरभंगा में महागठबंधन के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी वाले एक वायरल वीडियो पर कहा, "बिहार सीता माता की धरती है और सीता माता की धरती पर माता का अपमान यह बहुत बड़ी नीचता है। पीएम की… pic.twitter.com/6KwpFJKIGS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 29, 2025
LJP (रामविलास) के नेता ने क्या कहा ?
इधर, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता अरुण भारती ने भी विपक्ष पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन मर्यादा का उल्लंघन करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. भारती ने आरोप लगाया कि जब विपक्षी दलों का राजनीतिक नैरेटिव कमजोर पड़ता है, तो वे अपशब्दों पर उतर आते हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब विपक्ष सत्ता में नहीं रहते हुए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है, तो सत्ता में आने पर स्थिति और भयावह हो सकती है. उनके मुताबिक, ऐसे नेताओं से किसी भी तरह की राजनीतिक शुचिता की उम्मीद करना बेमानी है.
#WATCH | पटना: LJP(रामविलास) नेता अरुण भारती ने दरभंगा में महागठबंधन के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी वाले एक वायरल वीडियो पर कहा, "…राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन इसके लिए आप शब्दों को मर्यादा को नहीं लांघ सकते हैं। यह हालत तब है… pic.twitter.com/fo4PFVShak
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 29, 2025
बिहार के राज्यपाल ने क्या कहा ?
वहीं, दिल्ली से इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल को लोकतंत्र के लिए घातक बताया. उन्होंने कहा कि जो शब्द हमारे व्यक्तिगत जीवन में स्वीकार्य नहीं हैं, उन्हें सार्वजनिक जीवन में कैसे स्वीकार किया जा सकता है. राज्यपाल ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की बयानबाजी लोकलाज की उस बुनियाद को नुकसान पहुंचाती है, जिस पर लोकतंत्र खड़ा है.
#WATCH दिल्ली: दरभंगा में महागठबंधन के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "अमर्यादित भाषा हमारे रोजमर्रा के जीवन में भी स्वीकार्य नहीं है तो सार्वजनिक जीवन में कैसे स्वीकार्य हो सकती है। जो लोग… pic.twitter.com/AO6kNn9R69
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 29, 2025
क्या जनता भी देगी जवाब ?
इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि लोकतांत्रिक राजनीति में असहमति जताने और मतभेद रखने की स्वतंत्रता है, लेकिन व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर मर्यादा भंग करना लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए कितना उचित है. अब देखना यह होगा कि विपक्ष इस पर क्या रुख अपनाता है और जनता इस बयानबाजी को किस तरह से लेती है.
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बढ़ सकता है विवाद
दरभंगा में हुए महागठबंधन के कार्यक्रम के इस कथित वीडियो पर सियासी घमासान लगातार बढ़ता जा रहा है. भाजपा और एनडीए के नेता इसे विपक्ष की “संस्कृति” और “नीति” से जोड़कर जनता के सामने पेश कर रहे हैं. आने वाले दिनों में यह विवाद और बढ़ सकता है. बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच ऐसी बयानबाजी से सियासत का गर्माना स्वाभाविक है. विपक्ष की वोटर अधिकार यात्रा जहां जनता को जोड़ने का प्रयास कर रही है, वहीं सत्ता पक्ष इसे “बिहार के सम्मान” से जोड़कर विपक्ष पर हमला बोल रहा है.

