Bihar Election 2025 Phase 2 Voting: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में वोटिंग जारी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा का तापमान मतदान केंद्रों से ज्यादा गर्म है. वोटिंग के बीच ही मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के पटना स्थित आवास पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में लंबी बातचीत हुई. उसके बाद नीतीश कुमार जदयू दफ्तर के war Room पहुंचे. जहां उन्होंने कार्यालय का निरीक्षण किया और बैठक की. साथ में प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और विजय चौधरी भी मौजूद रहे.
एनडीए के भीतर सीएम फेस को लेकर उठते रहे हैं सवाल
14 नवंबर को नतीजे आने हैं और उससे पहले जिस तरह एनडीए के भीतर सीएम फेस को लेकर लगातार सवाल उठते रहे. उस पृष्ठभूमि में यह मुलाकात जेडीयू खेमे की बेचैनी और तैयारी, दोनों का संकेत मानी जा रही है.
दूसरे चरण में तेज रफ्तार से हो रहा मतदान
पहले चरण की रिकॉर्ड 65 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग और दूसरे चरण की तेज़ रफ्तार मतदान ने जेडीयू और एनडीए नेताओं के दावे और बुलंद कर दिए हैं. पार्टी नेता लगातार कह रहे हैं कि माहौल साफ है और बिहार में फिर से नीतीश सरकार बन रही है. लेकिन इससे पहले सीएम उम्मीदवार को लेकर एनडीए में जो धुंध छाई थी, उसने जेडीयू को असहज कर दिया था.
अमित शाह के बयान के बाद कंफ्यूजन की शुरुआत
कंफ्यूजन की शुरुआत उस वक्त हुई जब गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चुनाव तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है, लेकिन नतीजों के बाद मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल करेगा. उनका यह बयान तुरंत चर्चा का विषय बन गया और यह सवाल उठने लगा कि क्या नीतीश ही अगले सीएम होंगे.
शाह की बात को गलत ढंग से पेश किया गया- ललन
फिर केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा कि शाह की बात को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है. परंपरा यही रही है कि विधायक दल नेता चुनता है. 2020 में भी नीतीश को इसी तरह नेता चुना गया था.
नीतीश ही मुख्यमंत्री होंगे- राजनाथ सिंह
स्थिति साफ तब हुई जब पहले चरण के मतदान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी कई दिनों से यही बात दोहरा रहे हैं कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होने वाला. इसी बीच नीतीश का ललन सिंह के घर पहुंचना कई सवाल उठाता है। क्या यह सीटों के आकलन पर चर्चा थी, सीएम फेस पर बनी धुंध का आखिरी निवारण, या फिर नतीजों के बाद की सरकार की रूपरेखा पर मंथन?

