Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है. इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और विवादित छवि वाले नेता तेज प्रताप यादव ने नया राजनीतिक दांव चला है. उन्होंने अपनी पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ और चुनाव चिन्ह ‘ब्लैकबोर्ड’ के साथ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया.
मेरे लिए ‘जनता’ ही मुख्यमंत्री
तेज प्रताप ने बताया कि यह पार्टी वर्ष 2020 में गठित हुई थी, लेकिन अब जाकर चुनाव आयोग से आधिकारिक पहचान मिली है. उनका दावा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में ‘जनशक्ति जनता दल’ पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य मुख्यमंत्री बनना नहीं है, बल्कि “जनता ही उनके लिए मुख्यमंत्री है.”
तेज प्रताप ने ‘बिहार गठबंधन’ नामक एक नए मोर्चे के गठन की भी घोषणा की. हालांकि उन्होंने परिवार और खासकर छोटे भाई तेजस्वी यादव पर सीधे बोलने से परहेज किया. उन्होंने केवल इतना कहा कि “पूरा बिहार ही मेरा परिवार है.”
किसी भी पार्टी को मां पर राजनीति नहीं करनी चाहिए
मीडिया से बातचीत में तेज प्रताप ने एक बार फिर अपनी भावनात्मक राजनीति का रंग दिखाया. उन्होंने कहा कि “किसी भी पार्टी को मां पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. मां भगवान का रूप है और जो इसका अपमान करेगा, उसे भगवान का श्राप लगेगा.” यह टिप्पणी उस विवाद के बीच आई है, जिसमें हाल ही में कांग्रेस द्वारा जारी एक एआई वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को दिखाया गया था.
चुनाव में तेज प्रताप के लिए क्या होगी चुनौती?
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि तेज प्रताप ‘ब्लैकबोर्ड’ पर राजनीति का कौन-सा नया सबक लिख पाएंगे? अब तक उनके चुनावी सफर में लालू प्रसाद यादव और राजद की छवि पर ही उनकी पहचान टिकी रही है. 2015 के चुनाव में उनकी जीत की पृष्ठभूमि नीतीश-लालू की जोड़ी और पारिवारिक समर्थन से बनी थी.
विश्लेषकों का मानना है कि इस बार तस्वीर पूरी तरह बदली हुई है. न नीतीश कुमार का साथ है, न लालू यादव और न ही राजद की चुनावी मशीनरी. ऐसे में यह चुनाव तेज प्रताप के लिए सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं बल्कि उनके राजनीतिक अस्तित्व की कसौटी भी है.

