Bihar Politics: दरभंगा जिले में नगर विकास एवं आवास मंत्री सह जाले विधायक जीवेश कुमार मिश्रा पर रविवार को हुए कथित हमले ने सियासत को गरमा दिया है. मंत्री का दावा है कि सिंहवाड़ा प्रखंड के रामपट्टी गांव में उनकी हत्या की साजिश रची गई थी. सोमवार को दरभंगा सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा- “बड़ा सा पत्थर मेरे सिर पर फेंकने की कोशिश की गई. अगर थाना प्रभारी ने तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया होता तो मेरी जान जा सकती थी.”
हमला या हंगामा?
मंत्री के अनुसार, मौके पर एक युवक उनकी गाड़ी के बोनट पर कूद गया और डंडे से शीशा तोड़ दिया. इसके बाद उसने खुद अपने कपड़े फाड़े, वीडियो बनाया और वायरल कर दिया. मिश्रा ने कहा कि पूरा मामला सुनियोजित था और इसकी जांच पुलिस को सौंपी गई है.
सड़क निर्माण से उठा विवाद
यह विवाद दरअसल उस वक्त शुरू हुआ जब रामपट्टी गांव में एक युवक ने मंत्री से सवाल पूछा कि सड़क अब तक क्यों नहीं बनी. मंत्री पक्ष ने बताया कि सड़क पहले ही पास हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भीड़ में अचानक बवाल हो गया और गाड़ी पर हमला कर दिया गया. किसी तरह काफिला सुरक्षित निकल सका.
तेजस्वी बनाम जीवेश
घटना के बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर आरोप लगाया कि मंत्री ने सड़क पर सवाल पूछने वाले पत्रकार की पिटाई की और गाली-गलौज की. तेजस्वी ने कहा कि सरकार अब पत्रकारों की आवाज दबा रही है. जवाब में जीवेश मिश्रा ने इन आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वह तेजस्वी यादव को मानहानि का नोटिस भेजेंगे.
यू-ट्यूबर से मारपीट लोकतंत्र पर हमला- सहनी
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी इस विवाद में कूद पड़े. उन्होंने कहा- “एक यू-ट्यूबर से सवाल पूछने पर मारपीट और गाली-गलौज करना लोकतंत्र पर हमला है. सहनी समाज और वीआईपी कार्यकर्ता मंत्री जीवेश मिश्रा का हर जगह विरोध करेंगे.” सहनी ने यह भी आरोप लगाया कि प्राथमिकी केवल तब दर्ज हुई जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव थाना पहुंचे.
सियासत गरम, जांच बाकी
इस पूरे प्रकरण ने बिहार की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है. सत्तापक्ष इसे मंत्री पर हमला बताकर साजिश करार दे रहा है, तो विपक्ष इसे पत्रकार की आवाज दबाने की कोशिश बता रहा है. अब पुलिस की जांच ही तय करेगी कि यह मामला वास्तव में हमला था या फिर हंगामे का राजनीतिक रंग.

