Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में आयोजित रघुवंश प्रसाद सिंह की 5वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बिहार की राजनीति पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में अंतिम निर्णय ‘भूरा बाल’ (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला (कायस्थ) ) ही तय करेगा कि सत्ता की गद्दी पर कौन बैठेगा.
विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों पर हमला
आनंद मोहन ने इशारों में विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में कोई चिराग पासवान से भिड़ रहा है तो कोई जीतन राम मांझी से. कोई नीतीश कुमार को चुनौती दे रहा है तो कोई लालू यादव को. लेकिन असल फैसला वही तबका करेगा, जिसे राजनीति से बार-बार काटने की कोशिश की गई है. उन्होंने याद दिलाया कि कभी ‘भूरा बाल साफ करो’ का नारा देने वाले आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं, जबकि इतिहास गवाह है कि जनता को इमरजेंसी लगाकर कैद करने वाले लोग देश नहीं चला सकते.
रघुवंश बाबू को याद कर आनंद मोहन हुए भावुक
रघुवंश बाबू को याद करते हुए आनंद मोहन भावुक हो उठे. उन्होंने कहा कि वे समाज सेवा करते-करते इस दुनिया से गए और उनका जाना राजनीति में अधूरापन छोड़ गया. वे उस पीढ़ी के नेता थे जिनकी ट्रेनिंग जाति और धर्म की राजनीति में नहीं, बल्कि समाजवाद की बुनियाद पर हुई थी.
सावरकर की प्रतिमाएं लगाना चिंताजनक
उन्होंने समकालीन राजनीति में बढ़ते कट्टरवाद पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि गांधी की हत्या से देश पीछे चला गया और अब सावरकर की प्रतिमाएं लगाना चिंताजनक है. आनंद मोहन ने कहा कि कट्टरपंथ ने हमेशा समाजवाद को कमजोर किया है. चाहे बांग्लादेश में कट्टर मुसलमानों ने या नेपाल में कट्टर हिंदुओं ने. सभा के दौरान उन्होंने साफ कहा कि अगर बिहार को नई दिशा देनी है तो जाति और कट्टरवाद की राजनीति से ऊपर उठना होगा, वरना लोकतंत्र का असली उद्देश्य अधूरा रह जाएगा.

