Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी बढ़ने के साथ ही जहानाबाद जिले की राजनीति में इस बार दिलचस्प समीकरण देखने को मिल रहे हैं. अब तक यहां की लड़ाई पारंपरिक रूप से सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच रही है. लेकिन, इस बार जन सुराज पार्टी भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. इससे मुकाबला और बहुस्तरीय होने की संभावना है.
जहानाबाद सीट पर एनडीए की कड़ी परीक्षा
जहानाबाद विधानसभा सीट पर लगातार दो बार से राजद के सुदय यादव काबिज हैं. 2018 के उपचुनाव और 2020 के विधानसभा चुनाव दोनों में उन्होंने जदयू प्रत्याशियों को बड़े अंतर से हराया था. 2018 में करीब 35 हजार और 2020 में 33 हजार 902 वोटों से जीत दर्ज कर उन्होंने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की थी. तीसरी बार हार का सामना न करना पड़े, इसके लिए एनडीए इस बार रणनीति में बदलाव के मूड में है. पार्टी टिकट बंटवारे में फेरबदल या नए चेहरे को उतारने की तैयारी कर रही है.
एनडीए में नए चेहरे की चर्चा
- जदयू नेता निरंजन केशव प्रिंस और हम नेता चन्नू शर्मा एनडीए खेमे से संभावित उम्मीदवारों के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं.
- चन्नू शर्मा 2014 से हम के गठन के समय से ही पार्टी से जुड़े हैं और मखदुमपुर प्रखंड की पंचायत राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं.
- निरंजन केशव प्रिंस बीते छह सालों से जदयू में सक्रिय हैं. कोरोना काल में उनकी सामाजिक भूमिका को काफी सराहना मिली थी.
दोनों नेता शीर्ष नेतृत्व को यह विश्वास दिलाने की कोशिश में हैं कि मौका मिलने पर वे जहानाबाद की सियासत में नई जीत का इतिहास लिख सकते हैं. अब देखना यह है कि सीट शेयरिंग में यह सीट किस दल के खाते में जाती है और टिकट किसे मिलता है.
मखदुमपुर सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला
मखदुमपुर सुरक्षित सीट पर भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. यहां महागठबंधन की ओर से दावेदारों की लंबी कतार है. वर्तमान विधायक राजद के सतीश दास हैं. उनके अलावा राजद नेत्री संजू कोहली और कुमारी सुमन सिद्धार्थ भी टिकट की दौड़ में हैं. एनडीए से अभी तक कोई बड़ा चेहरा सामने नहीं आया है. पिछले चुनाव में सतीश दास ने हम उम्मीदवार देवेंद्र कुमार को 22 हजार 565 वोटों से हराया था.
अभी तीनों सीट पर महागठबंधन का कब्जा
जहानाबाद जिले की तीनों विधानसभा सीटों- जहानाबाद, घोसी और मखदुमपुर पर अभी महागठबंधन का कब्जा है. लेकिन एनडीए नए चेहरों और रणनीति के साथ इस बार कड़ा मुकाबला देने की तैयारी में है. वहीं, जन सुराज के चुनावी मैदान में उतरने से समीकरण और पेचीदा हो गए हैं. चुनाव से पहले यह देखना अहम होगा कि टिकट की लड़ाई में कौन टिकता है और कौन बाहर हो जाता है.

