Bihar politics : बिहार में अगले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होना है. ऐसे में भाजपा खुद को चुनावी मोड में दिखाने के साथ-साथ मैदान में भी एक्टिव नजर आ रही है. इसी क्रम में पार्टी ने अपने चुनाव प्रभारी का नाम घोषित कर उन्हें बिहार भेजा है. इसके बाद वे यहां आकर लगातार घर-घर जाकर नेताओं और जनता से फीडबैक ले रहे हैं.
घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की
बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान बिहार आने के बाद से ही काफी सक्रिय दिख रहे हैं. पटना पहुंचने के अगले ही दिन वे राजधानी की गलियों में संपर्क अभियान के तहत घूमते नजर आए. उन्होंने आदर्श चौक और पश्चिमी पटेल नगर में घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की. इस दौरान प्रधान ने भाजपा के मौजूदा विधायकों पर जनता की राय जानी और साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से मिलने वाले लाभ को लेकर भी प्रतिक्रिया ली.
असली फीडबैक लेने की कोशिश
प्रधान का यह डोर-टू-डोर अभियान भाजपा की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है. आम तौर पर प्रभारी बड़ी बैठकों तक सीमित रहते हैं, लेकिन उन्होंने सीधे जनता तक पहुंचने का रास्ता चुना. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे भाजपा को दो फायदे होंगे. पहला, जनता को लगेगा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनकी राय को महत्व दे रहा है. दूसरा, संगठन को असली फीडबैक मिलेगा कि जमीनी स्तर पर प्रतिनिधियों और योजनाओं की स्थिति क्या है.
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इस वजह से मिली है जिम्मेदारी
धर्मेंद्र प्रधान को भाजपा का अनुभवी रणनीतिकार माना जाता है. ओडिशा, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने में उन्होंने अहम योगदान दिया है. अब बीजेपी आलाकमान ने उन्हें बिहार की जिम्मेदारी दी है.
चुनावी तारीखों से पहले भाजपा ने अपना अभियान जनता से जुड़कर शुरू कर दिया है. पटना की गलियों में प्रधान का घर-घर अभियान बताता है कि पार्टी इस बार पूरी तरह जमीनी स्तर पर उतरकर चुनावी मुकाबला करने के मूड में है. अगले कुछ दिनों में बीजेपी का यह अभियान अन्य जिलों तक भी पहुंचेगा, इसके बाद भाजपा की रणनीति और साफ होगी.
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