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Bihar CM Prediction: पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाग्य के बहुत मजबूत हैं. पिछले 20 वर्षों से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार के लिए यह समय भी काफी अनुकूल हैं. उनकी कुंडली की गणना से यह पता चलता है कि उन्हें सत्ता से बेदखल करना इस बार भी आसाना नहीं है. नीतीश कुमार के एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं दिख रही हैं. बिहार के साीएम नीतीश कुमार की राशि वृश्चिक है और उनका लग्न सिंह है. ग्रहों के गोचर की द्ष्टिकोण से नीतीश कुमार की कुंडली में गुरु 9वें भाव ( उच्च भाव) में हैं. इनका चंद्रमा से युति है, जिससे गज केसरी योग बन रहा है. ऐसा ही योग 2005 में भी नीतीश कुमार की कुंडली में बना था. जब वो पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. ऐसे में इस बार भी उनके मुख्यमंत्री बनने का योग प्रबल दिखाई दे रहा है.
| कुंडली | जन्मस्थान और राशि |
|---|---|
| नाम | नीतीश कुमार |
| जन्मतिथि | 1 मार्च 1951 |
| दिन | गुरुवार |
| जन्म स्थान | बख्तियारपुर, बिहार |
| जिला | नालंदा |
| राशि | वृश्चिक |
| लग्न | सिंह |
Bihar CM Prediction: देव गुरु बृहस्तपति हैं नीतीश कुमार के लिए वरदानी
गोचार के अनुसार, इस दिन सीएम नीतीश कुमार की कुंडली के प्रथम भाव में मंगल और बुध विराजमान रहेंगे, जहां बुध सप्तम भाव को देखेंगे तो वहीं मंगल चतुर्थ, सप्तम और अष्टम भाव को देख रहे होंगे. वहीं चतुर्थ भाव में शनिदेव और राहु हैं. शनि की दृष्टि तीसरे स्थान (कर्म), दसवें और प्रथम स्थान (लग्न) पर पड़ेगी. वहीं राहु की दृष्टि अष्टम, दशम और द्वादश भाव में पड़ रही हैं. गोचर में भाग्य स्थान में उच्च की देव गुरु बृहस्तपति नीतीश कुमार के लिए वरदानी हैं. उनकी दृष्टि लग्न स्थन में पड़ रही है. देव गुरु बृहस्तपति कुंडली के तृतीय भाव और पंचम भाव को भी देख रहे होंगे. अत: पद प्रतिष्ठा बरकरार रहेगा.

Bihar CM Prediction: मंगल और देव गुरु बृहस्तिपति करेंगे चमत्कार
सीएम नीतीश कुमार की कुंडली में राहु की महादशा में मंगल की अंतरदशा चल रही है. नीतीश कुमार की जन्मकुंडली में भागेस पराक्रम स्थान पर मंगल की दृष्टि हैं. चंद्रमा केतु दसवें भाव में विराजमान है. चंद्रमा की दृष्टि चतुर्थ भाव पर और केतु की दृष्टि द्वतीय, चतुर्थ और छठे भाव को देख रहे हैं. छठे भाव पर केतु की दृष्टि से विपक्ष पर कुप्रभाव पड़ता है. कुंडली में द्वादश भाव में सूर्य और शुक्रदेव बैठकर छठे भाव को देख रहे हैं. ऐसे में मंगलदेव की पराक्रम के बल पर सत्ता सुख मिलने का असार है. गोचर के दृष्टि से भी देव गुरु भाग्य स्थान में उच्च के संचरण कर रहे हैं. अत: पद प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी के साथ स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का भी नाश करेंगे. इसके साथ ही गुरु सत्ता सुख में प्रबंल मददगार होंगे.
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