19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

15 August Special : भारत के यूपीआई से अमेरिका को क्या परेशानी है?

रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड आने के बाद भी भारत में डिजिटल पेमेंट जगत में अमेरिका का वर्चस्व खत्म नहीं हुआ. इसके बाद भारत ने यूपीआई पेमेंट सिस्टम विकसित किया. इसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई की ओर से विकसित किया गया है.

Independence Day Special : भारत आज अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. भारत ने अपनी आजादी के बाद से अब तक तकनीक के मोर्चे पर बड़े आयाम गढ़े हैं. कम्यूनिकेशन से लेकर स्पेस टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन पेमेंट के मामले में भारत का झंडा बुलंद है. भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने हाल ही में चंद्रयान 3 मिशन लॉन्च किया है, जिसने इसे कई मायनों में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के समकक्ष ला खड़ा किया है. यही नहीं, भारत में 5G नेटवर्क तेजी से रोलआउट हो रहा है. इसके साथ ही, डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूपीआई ने विशेष रूप से अमेरिका की चिंताएं बढ़ा दी हैं. हम आपको बताते हैं कि आखिर कैसे-

डिजिटल पेमेंट की दुनिया में अमेरिका का वर्चस्व

डिजिटल पेमेंट के नाम पर भारत में जब डेबिट और क्रेडिट कार्ड का राज था, तब भारतीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अमेरिकी कंपनियाें – वीजा और मास्टरकार्ड का ही वर्चस्व था. इसका मतलब यह कि आप किसी भी बैंक का डेबिट या क्रेडिट कार्ड उठाकर देख लीजिए, उसकी ऑपरेटर यही दोनों कंपनियां थीं. बाजार में उनकी मोनोपॉली थी, इसलिए वे मनमाफिक चार्ज भी वसूल करती थीं. यही नहीं, भारतीयों का डिजिटल पेमेंट डेटा भी उनके कंट्रोल में था. ये दोनों कंपनियां भारतीयों के पेमेंट डेटा को अमेरिकी सर्वर पर स्टोर करती थीं. अमेरिका के इस वर्चस्व को कम करने के लिए भारत ने अपना रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया. धीरे-धीरे ही सही, रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड को बैंक अपना रहे हैं और यह पॉपुलर हो रहा है.

Also Read: Google Pay ने यूजर्स के लिए पेश की खास सुविधा, अब बिना डेबिट कार्ड के भी कर सकेंगे UPI Payment

कैसे खत्म हुआ अमेरिकी कंपनियों का दबदबा

रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड आने के बाद भी भारत में डिजिटल पेमेंट जगत में अमेरिका का वर्चस्व खत्म नहीं हुआ. इसके बाद भारत ने यूपीआई पेमेंट सिस्टम विकसित किया. इसे नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई की ओर से विकसित किया गया है. यूपीआई का आज के समय में हर जगह इस्तेमाल हो रहा है. भारत के साथ विदेशों में भी यूपीआई बहुत लोकप्रिय हो रहा है. यह यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता की ही देन है कि आज के समय में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जल्द ही एक वक्त ऐसा आयेगा, जब भारत अपने यूपीआई के दम पर वीजा और मास्टरकार्ड जैसी अमेरिकी कंपनियों का दबदबा खत्म कर देगा.

अमेरिकी कंपनियों की यूपीआई में एंट्री

भारत के यूपीआई जगत में भी अब अमेरिकी कंपनियों की एंट्री होने लगी है. भारतीय पेमेंट सिस्टम यानी यूपीआई में अमेरिकी टेक कंपनियों – गूगल पे, अमेजन पे और व्हाट्सऐप पे की दबदबा बढ़ने लगा है. भारत सरकार की मंशा है कि किसी भी एक या दो कंपनियों का यूपीआई पर दबदबा न कायम हो. ऐसे में केंद्र सरकार अब यूपीआई पेमेंट के मामले में गूगल पे, अमेजन पे और व्हाट्सऐप पे के दबदबे को कम करने के लिए यूपीआई प्लगइन सिस्टम लेकर आयी है.

Also Read: UPI Lite: वन टाइम पेमेंट लिमिट 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव

यूपीआई प्लगइन सिस्टम क्या है ?

यूपीआई प्लगइन सिस्टम के तहत यूपीआई पेमेंट करने के लिए यूपीआई ऐप जैसे गूगल पे, अमेजन पे और व्हाट्सऐप पे की जरूरत नहीं होगी. इसके तहत किसी भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी कंपनी के पास खुद की यूपीआई पेमेंट आईडी होगी, जिस पर कोई मर्चेंट पेमेंट स्वीकर कर पाएगा. इससे उम्मीद है कि गूगल पे, अमेजन पे और व्हाट्सऐप पे जैसी कंपनियों का दबदबा कम हो जाए. यही देखकर अमेरिका की टेंशन बढ़ गई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें