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डोकलाम विवाद खत्म, सेना हटाने को लेकर भारत और चीन के बीच बनी सहमति

नयी दिल्ली : डोकलाम मुद्दे को लेकर चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है.भारत के विदेश मंत्रालय ने आज बयान जारी कर कहा कि डोकलाम में गतिरोध स्थल पर सीमाबलों को पीछे हटाने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गयी है. कूटनीतिक तौर पर इसे भारत की बड़ी जीत मानी जा रही है.पिछले […]

नयी दिल्ली : डोकलाम मुद्दे को लेकर चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है.भारत के विदेश मंत्रालय ने आज बयान जारी कर कहा कि डोकलाम में गतिरोध स्थल पर सीमाबलों को पीछे हटाने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गयी है. कूटनीतिक तौर पर इसे भारत की बड़ी जीत मानी जा रही है.पिछले दो महीने से डोकलाम मुद्दे पर इन दोनों देशों में तनाव पूर्ण स्थिति थी. गौरतलब है कि अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन से पांच सितंबर तक होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन के शियामेन शहर जा सकते हैं. दोनों देशों के बीच डोकलाम विवाद के बाद ऐसा कहा जा रहा था कि ब्रिक्स संगठन के दो सबसे बड़े देश के बीच पैदा तनाव से इस संगठन के प्रासंगिकता खत्म हो चुकी है.

चीन की सरकारी अखबार पीपुल्स डेली चाइना नेट्वीट कर कहा है, ”भारत और चीन दोनों देशों ने डोकलाम विवाद खत्म हो गया है. चीन ने कंफर्म किया है कि भारत ने अपनी सेना हटा ली है और दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है.भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जारी कर कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में भारत और चीन ने डोकलाम मामले के संबंध में राजनयिक संबंध कायम रखे हैं.
दोनों देशों के बीच वार्ता के दौरान हम अपने हित, अपना रूख और अपनी चिंताओं को व्यक्त करने में सफल रहे.’ ‘ इसमें कहा गया, ‘इन वार्ताओं के आधार पर डोकलाम में विवाद की जगह से सीमा बलों को आमने सामने की स्थिति से हटाने का फैसला किया गया है और यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ‘ उल्लेखनीय है कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच करीब दो महीने से ज्यादा समय से गतिरोध बना हुआ है. यह गतिरोध तब शुरू हुआ जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को इलाके में एक सडक का निर्माण करने से रोक दिया था.

डोकलाम विवाद को लेकर भारत ने चीन पर इस तरह बनाया दबाव
पूरे विवाद को खत्म करने के लिए सरकार ने कई तरह के रणनीतिक दवाब बनाना शुरू कर दिया था. चीनी सरकार से बात करने के लिए भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन पहुंचे. भारत ने चीन के 93 प्रोडक्ट पर एंटी डंपिंग ड्यूटी भी लगाई. आज आ रही खबरों के मुताबिक ओप्पो और वीवो कंपनियों के सौ से ज्यादा वर्कर चीन वापस लौट गये. सरकार ने चीन पर वाणिज्यिक दवाब बनाना शुरू किया. चीन समेत कई देशों की मोबाइल निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी करके पूछा कि उनके मोबाइल से लोगों की निजी जानकारी तो चोरी नहीं हो रही है. भारत में आम जनता के बीच भी डोकलाम विवाद को लेकर चीनी समान बहिष्कार का माहौल बन रहा था.

क्या है पूरा विवाद
भूटान में 89 स्कावयर किलोमीटर का इलाका है- डोकलाम.रणनीतिक तौर पर तीनों देशों के लिए ये काफी अहम है.जबकि भूटान उसे अपना हिस्सा मानता है. मित्र देश होने के नाते भूटान की सुरक्षा के लिए भारतीय सेनाएं डोकलाम में मौजूद रहती हैं.चीन डोकलाम पर अपना दावा ठोंकता रहा है . डोकलाम में चीन ने सड़क बनाना शुरू कर दी थी, भारत ने इसका विरोध किया तो विवाद शुरू हो गया.चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है. 16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी था जो अब खत्म हो गया है.उधर इस फैसले के साथ दोनों देशोंके बीच पैदा तल्खी भी कम हो गयी.

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