Volodymyr Zelenskyy talk journalists European trip: वोलोदिमिर जेलेंस्की इन दिनों काफी व्यस्त हैं. ऐसे में उनके पास इंटरव्यू देने का या मीडिया से बात करने का भी समय नहीं है. ऐसे में यूरोप के कई देशों की 36 घंटे की बेहद व्यस्त यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मीडिया से संवाद के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया. समय की कमी के कारण वह पारंपरिक संवाददाता सम्मेलन नहीं कर सके, इसलिए उन्होंने रूस के आक्रमण के बाद (फरवरी 2022) पहली बार पत्रकारों से व्हाट्सऐप ग्रुप चैट के जरिए बातचीत की. लंदन और ब्रसेल्स के बीच उड़ान भरते समय उन्होंने यूक्रेनी और अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के सवालों की लंबी सूची के ऑडियो संदेश भेजकर उत्तर दिए. किसी विश्व नेता द्वारा इस तरह मीडिया से संवाद करना बेहद दुर्लभ माना जाता है.
विमान की लगातार गूंज और जेलेंस्की की थकी हुई आवाज के बावजूद एक बात स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आई कि यूक्रेन किसी भी परिस्थिति में अपनी भूमि छोड़ने को तैयार नहीं है. उन्होंने सोमवार देर रात भेजे एक संदेश में कहा, “निस्संदेह, रूस चाहता है कि हम अपना क्षेत्र छोड़ दें, लेकिन कानून हमें इसकी अनुमति नहीं देता… और सच कहें तो हमारा नैतिक अधिकार भी नहीं है.” यह बयान उस समय आया है जब युद्ध खत्म करने के लिए संभावित शांति वार्ताओं के कयास लगाए जा रहे हैं, जिनकी दिशा अभी भी अनिश्चित है.
पोप से भी मिले जेलेंस्की
अपनी यूरोपीय यात्रा के दौरान जेलेंस्की ने लंदन में ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के नेताओं से मुलाकात की. इसके बाद ब्रसेल्स में नाटो और यूरोपीय संघ के प्रमुखों से बातचीत की. यात्रा का अंतिम पड़ाव रोम रहा, जहाँ उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री और पोप लियो 14वें से मुलाकात की. इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन के लिए सैन्य समर्थन, वित्तीय सहायता और कूटनीतिक सहयोग सुनिश्चित करना था.
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पिछली बार बातचीत में यूक्रेनी जनता को दिया था आश्वासन
ध्यान देने योग्य है कि युद्ध की शुरुआत से ही जेलेंस्की संवाद को अपनी प्राथमिक रणनीति बना चुके हैं. 2022 में जब रूस ने कीव पर हमला किया, तब उन्होंने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में यूक्रेनी जनता को आश्वासन दिया था, “हम सब यहाँ हैं. हमारे सैनिक यहाँ हैं, हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं.” तब से वह लगातार वीडियो संदेश, विदेशी संसदों को डिजिटल माध्यम से संबोधन, देर रात सोशल मीडिया पोस्ट और सुरक्षा घेरे में पत्रकारों के लिए ब्रीफिंग के जरिये जनता से जुड़े रहे हैं.
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