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25 साल बाद अमेरिका से लौटे NRIs भी भारत के जाम से परेशान, सोशल मीडिया पर छिड़ी तेज बहस!

US NRIs Return India: 25 साल अमेरिका में रहने के बाद एक दंपत्ति भारत लौटे, लेकिन शहरों का खराब यातायात NRIs के लौटने में बड़ी बाधा बन गया. पोस्ट वायरल हुई और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. भारत के फायदे, चुनौतियां और ट्रम्प की इमिग्रेशन नीतियों का असर भी चर्चा में रहा.

US NRIs Return India: अमेरिका में 25 साल बिताने के बाद एक दंपत्ति अपने स्वर्णिम वर्षों को आराम से बिताने की उम्मीद में भारत लौट आया. लेकिन जैसे ही उनके अमेरिकी मित्र भारत में जीवन के बारे में पूछते हैं, एक बड़ी समस्या सामने आती है. शहरों में यातायात की बदहाल स्थिति. कई यूएस बेस्ड एनआरआई, जिनके पास पर्याप्त बचत है और जो भारत की  इकोनॉमी में योगदान करना चाहते हैं, रिटायरमेंट के समय भारत लौटने में हिचकिचा रहे हैं. वजह केवल यही है कि हमारे शहरों की सड़कों पर यात्रा करना तनावपूर्ण और चुनौतीपूर्ण हो गया है.

भारतीय यातायात एनआरआई के लिए बड़ी बाधा

एक X पोस्ट में दंपत्ति ने लिखा कि हमने अमेरिका में 25 साल बिताए और भारत लौट आए. जैसे ही हम रिटायरमेंट के करीब हैं, हमारे कुछ अमेरिकी दोस्त पूछ रहे हैं कि भारत में जीवन कैसा है, क्योंकि वे रिटायरमेंट के लिए भारत आने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि NRIs के पास भारतीय इकोनॉमी में योगदान करने के लिए पैसे हैं, लेकिन शहरों का अव्यवस्थित और जाम भरा यातायात उनकी वापसी के लिए बड़ी बाधा बन रहा है. दंपत्ति ने कहा कि यहां कई पॉजिटिव चीजें हैं, लेकिन जानते हैं, बहुतों के लिए डील-ब्रेकर क्या है? भयानक यातायात.

पोस्ट में उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि सोचिए, NRIs के पास डॉलर है और वे भारतीय इकोनॉमी में योगदान कर सकते हैं, लेकिन हमारे अव्यवस्थित यातायात के कारण वापस नहीं आ रहे. हमारे खराब यातायात के कई छिपे हुए नुकसान हैं. हमें इसे युद्धस्तरीय प्राथमिकता पर ठीक करना होगा.

US NRIs Return India: सोशल मीडिया पर बहस

पोस्ट वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा शुरू हो गई. एक X यूजर ने लिखा कि गेटेड कम्युनिटीज और निजी टाउनशिप्स थोड़ी राहत दे सकती हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर शहरों के यातायात का समाधान मुश्किल लगता है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में किसी बड़े शहर के यातायात या नागरिक बुनियादी ढांचे को सुधारना संभव है. कई विशेष हित हैं, जनसंख्या बड़ी है, और सरकार का संकल्प कमजोर है. एक अन्य यूजर्स ने सवाल उठाया कि इतने लंबे समय तक अमेरिका में योगदान करने के बाद वे क्यों वापस आएंगे? भारत में रिटायरमेंट के समय बुनियादी ढांचा अच्छा नहीं है. यातायात केवल एक पहलू है. उन्होंने वहां मित्र मंडल बनाया होगा, ऐसे में सब छोड़कर क्यों आएं?

फायदे और चुनौतियां क्या-क्या हैं?

कुछ उपयोगकर्ताओं ने कहा कि भारत में यातायात की समस्या के बावजूद, रिटायर लोगों के लिए जीवन स्तर अभी भी आकर्षक है, खासकर उन अमेरिकी शहरों के मुकाबले जहां मूलभूत सेवाएं महंगी हैं. एक यूजर ने लिखा कि भारत जनसंख्या, जलवायु, प्रदूषण और राजनीति को संभाल सकता है, लेकिन अब भी लेन और सिग्नल में संघर्ष कर रहा है. जिस दिन हम सड़कों को सुधारेंगे, हम देश का आधा काम कर लेंगे. दिलचस्प बात यह है कि NRIs के लौटने पर सोशल मीडिया चर्चा हाल ही में अमेरिकी इमिग्रेशन नीतियों के कारण बढ़ी है. ट्रम्प की 2025 की इमिग्रेशन क्रैकडाउन में कानूनी और गैरकानूनी प्रवास पर कड़े नियम लागू किए गए हैं, प्रोग्राम रद्द किए गए हैं, शरणार्थियों की संख्या सीमित की गई है और बड़े पैमाने पर ICE छापों और निर्वासन की प्रक्रिया तेज की गई है. यह कहानी एक सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित है. दावे और राय उसी यूजर के हैं. 

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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