UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान को घेरते हुए लगातार लगाए जा रहे बेबुनियादी आरोपों का करारा जवाब दिया है. पाकिस्तान के यूएन प्रतिनिधि ने जब कश्मीर और भारत-पाक के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष का मुद्दा उठाया, तो भारत की ओर से स्थायी प्रतिनिधि परवथानेनी हरीश ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को घोर पाखंडी बताया.
हरीश ने खोली पाकिस्तान की पोल
हरीश ने कहा पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा लगाए गए बेबुनियाद आरोपों का जवाब देने के लिए मुझे मजबूर होना पड़ रहा है. भारत कई वर्षों से पाकिस्तान द्वारा प्रयोजित आतंकवाद का शिकार होता आया है. पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकवादी हमले होते आए हैं. उन्होंने कहा कि 26/11 के मुंबई हमलों से लेकर हाल ही में 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों की हत्या तक, पाकिस्तान की तरफ से बार-बार क्षेत्रीय अशांति फैलाने की कोशिश की गई है. हमेशा से पाकिस्तान का उद्देश्य केवल भारत की उन्नति और मनोबल को चोट पहुंचाना रहा है.
जो देश आतंकियों और आम नागरिकों में फर्क नहीं करता, उसे सुरक्षा पर बात करने का हक नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिन आतंकियों को मार गिराया, उनके जनाजे में पाकिस्तान सरकार के कई बड़े नेता, पुलिस और सैन्य अधिकारी शामिल हुए. आगे उन्होंने कहा कि जो देश आतंकियों और आम नागरिकों में फर्क नहीं करता है, उसे नागरिकों की सुरक्षा पर बात या सवाल करने का कोई हक नहीं है.
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— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) May 23, 2025
Statement by PR @AmbHarishP at the @UN Security Council Open Debate on: Addressing emerging threats, ensuring safety of civilians, humanitarian and UN Personnel, journalists and media professionals and enhancing accountability mechanisms. @MEAIndia pic.twitter.com/VOEZ9eMQjU
हरीश ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए आगे कहा कि चार दिन की हालिया सैन्य झड़प के दौरान पाकिस्तान ने भारत की सीमा से पास के इलाकों में जानबूझकर गोलीबारी की, जिसमें 20 से ज्यादा आम लोग मारे गए और 80 से ज्यादा घायल हो गए. इसके अलावा पाकिस्तान ने मंदिर, गुरुद्वारे, चर्च और अस्पताल जैसे धार्मिक व मानवीय स्थलों को भी नहीं छोड़ा.
नागरिकों की सुरक्षा के नाम पर आतंकियों को बचाने की कोशिश
हरीश ने बात को खत्म करते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार करने के बाद किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर दूसरों को उपदेश देना सरासर पाखंड है. किसी के द्वारा नागरिकों की सुरक्षा के नाम पर यूएन द्वारा घोषित आतंकियों को बचाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कदम उठाए और उन देशों को बेनकाब करे जो आतंकवाद को संरक्षण देते हैं.