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किन देशों से UN भरता है अपना खजाना, भारत देता है इतना धन, देखें टॉप 5 की लिस्ट

United Nations Funding Who Pays Most: संयुक्त राष्ट्र का बजट संकट गहराता जा रहा है. कौन कितना पैसा देता है, फंडिंग का ढांचा कैसे तय होता है और संगठन की वित्तीय स्थिरता पर सबसे बड़ा खतरा क्या मंडरा रहा है? जानिए यूएन की फंडिंग के बारे में.

United Nations Funding Who Pays Most: अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय इन दिनों दुनियाभर के नेताओं से गुलजार है. 193 सदस्य देशों वाले इस अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना 1945 में शांति और सुरक्षा के लिए की गई थी, लेकिन आज इसके काम सिर्फ संघर्ष रोकने तक सीमित नहीं हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास से लेकर आपदा राहत तक, यूएन की एजेंसियां दुनिया के कठिन हालात में सबसे आगे रहती हैं.

UN का पैसा कहां जाता है?

संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख एजेंसियों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनेस्को, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, FAO, IMF, ICAO, IMO, ITU, UPU, WMO, WIPO, IFAD, UNIDO और विश्व बैंक समूह शामिल हैं. ये संगठन दुनिया भर में भुखमरी, युद्ध, महामारी और प्राकृतिक आपदाओं में मदद के लिए सक्रिय रहते हैं. हाल ही में 80 साल पूरे करने के बाद, यूएन को बजट संकट का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका, जो यूएन का सबसे बड़ा फंडर और डेब्टर है, कई एजेंसियों से अलग हो चुका है और 2026 तक कई योगदानों को रोकने की योजना बना रहा है. यूएन ने खर्च कम करने, भर्ती रोकने और रिजर्व से पैसा निकालने जैसे कदम उठाए हैं. लेकिन संगठन की वित्तीय स्थिरता मुख्य रूप से अमेरिका के योगदान पर निर्भर करती है.

UN का फंडिंग मॉडल

यूएन को मुख्य रूप से 193 सदस्य देशों के अनिवार्य योगदान से वित्त पोषित किया जाता है. इसके दो मुख्य बजट हैं:

नियमित बजट है जो महासभा द्वारा अनुमोदित मूल गतिविधियों के लिए, जिसमें आर्थिक और सामाजिक विकास, निरस्त्रीकरण परियोजनाएं और मानवाधिकार शामिल हैं. शांति स्थापना बजट इसमें अधिकांश शांति मिशनों और सेवा केंद्रों के लिए. इनके अलावा विशेष परियोजनाओं और अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों के लिए भी अलग योगदान लिया जाता है. UNICEF और World Food Program जैसी कई एजेंसियां पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदानों पर निर्भर करती हैं.

United Nations Funding Who Pays Most: कौन कितना देता है?

यूएन प्रत्येक सदस्य के “भुगतान क्षमता” के अनुसार योगदान तय करता है. इसमें देश की राष्ट्रीय आय, जनसंख्या और बाहरी कर्ज शामिल हैं. नियमित बजट के लिए योगदान 0.001% से 22% तक होता है. शांति स्थापना बजट में पांच स्थायी सुरक्षा परिषद सदस्य अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और यूके इसका सबसे बड़ा हिस्सा उठाते हैं. 175 देशों का योगदान 1% से कम है.

2025 में प्रमुख कंट्रीब्यूटर (United Nations Funding Who Pays Most in Hindi)

नियमित बजट

देशदर (%)राशि (USD)
अमेरिका22.000%$820,385,984
चीन20.004%$679,786,970
जापान6.930%$235,499,085
जर्मनी5.692%$193,428,686
यूके3.991%$135,624,366

शांति स्थापना बजट

देशदर (%)राशि (USD)
अमेरिका26.158%$6,539,598
चीन23.785%$5,946,278
जापान6.930%$1,732,500
जर्मनी5.692%$1,423,000
यूके4.745%$1,186,343

India Contribution 2025 in Hindi: भारत का योगदान

द हिंदू के अनुसार, भारत ने 2025 के नियमित बजट में USD 37.64 मिलियन का योगदान दिया था. यूएन के अनुसार भारत ने समय पर और पूरी राशि जमा करने वाले 35 देशों की “ऑनर रोल” में जगह बनाई. यूएन महासभा के अध्यक्ष Philemon Yang ने भी हाल ही में भारत की इस जिम्मेदारी की सराहना की थी. संक्षेप में समझे कि यूएन का फंडिंग मॉडल वैश्विक जिम्मेदारी और देश की क्षमता पर आधारित है, और अमेरिका, चीन और जापान जैसे बड़े देश इसका मुख्य भार उठाते हैं. भारत जैसे देश समय पर योगदान देकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हैं.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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