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Sunita Williams Return: 17 घंटे का सफर तय कर अंतरिक्ष से लौट रहीं सुनीता विलियम्स, कैसे होगी ड्रैगन कैप्सूल की लैंडिंग?

Sunita Williams Return: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर पिछले नौ महीने से फंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आखिरकार मंगलवार को स्पेसएक्स के यान से पृथ्वी के लिए रवाना हो गए. बुधवार तड़के उनकी धरती पर लैंडिंग होगी. दोनों अंतरिक्ष यात्री नौ महीने पहले बोइंग की एक परीक्षण उड़ान के जरिये अंतरिक्ष केंद्र में पहुंचे थे.

Sunita Williams Return: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी जल्द होने वाली है. 9 महीने से ज्यादा समय अंतरिक्ष में बिताने के बाद आखिरकार सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर वापसी हो हो रही है. सुनीता और विल्मोर स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से वापस आ रहे हैं. इस अंतरिक्ष यान के जरिए 17 घंटे की यात्रा करने के बाद दोनों पृथ्वी पर लौटेंगे. ड्रैगन अंतरिक्ष यान 19 मार्च की सुबह के 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में स्प्लैश डाउन कर सकता है.  इसके बाद अंतरिक्ष यान में सवार सभी यात्रियों के सेहत की जांच की जाएगी. नासा उनका हेल्थ अपडेट भी जारी करेगा.

5 जून 2024 को स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के रॉकेट से सुनीता विलियम्स और  बुच विल्मोर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे. दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के एक सप्ताह के बाद ही धरती पर लौटने की उम्मीद थी. लेकिन, अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में इतनी सारी समस्याएं आईं कि नासा ने आखिरकार स्टारलाइनर को खाली वापस धरती पर बुलाया और परीक्षण पायलटों को स्पेसएक्स में स्थानांतरित कर दिया, जिससे उनकी घर वापसी फरवरी तक टल गई. इसके बाद स्पेसएक्स कैप्सूल संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने की और देरी हुई. अंतरिक्ष यान से हीलियम के रिसाव और वेग में कमी के कारण अंतरिक्ष स्टेशन पर नौ महीनों तक रुकना पड़ा था.

कैसे होगी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल की लैंडिंग

स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल को अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से धरती पर वापसी करने में करीब 17 घंटे लग रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन 420 किमी की ऊंचाई पर स्थित है. यह  28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है. ऐसे में स्पेस स्टेशन से अनडॉक होने के बाद ड्रैगन कैप्सूल तुरंत धरती पर आना शुरू नहीं करता है. सुरक्षित वापसी के लिए अंतरिक्ष यान को कंट्रोल के साथ डीऑर्बिट बर्न किया जाता है. धरती पर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कैप्सूल को बड़े आराम से सफर तय कराया जाता है, क्योंकि वापसी के दौरान धरती के वायुमंडल की घर्षण के कारण कैप्सूल अत्यधिक गर्म हो जाता है. स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल वापसी के दौरान पृथ्वी की कई परिक्रमा भी करेगा, ताकी वायुमंडल में प्रवेश के लिए लिए सबसे अनुकूल समय को चुना जा सके.

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धरती पर कैसे उतरेगा स्पेसएक्स कैप्सूल?

स्पेसएक्स का कैप्सूल ड्रैगन धरती पर आने के क्रम में अपनी गति को धीमा करने के लिए एक के बाद एक दो पैराशूट खोलेगा. योजना के मुताबिक कैप्सूल 17 हजार मील प्रति घंटे से अधिक की गति कम होकर 20 मील प्रति घंटे से कम गति पर आ जाएगा. इसके बाद कैप्सूल फ्लोरिडा तट पर समुद्र में गिरेगा. जहां से अंतरिक्ष यात्रियों को रेस्क्यू किया जाएगा.

सामने आने वाली है यह चुनौती

स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के सामने पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करना बड़ी चुनौती है. नासा के मुताबिक जब कोई अंतरिक्ष यान धरती के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उसे 7000 डिग्री फारेनहाइट तक का तापमान झेलना पड़ता है. इस दौरान अंतरिक्ष यान की रफ्तार भी कई हजार मील प्रति घंटा की रहती है. इस कारण यान के अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को जबरदस्त दबाव और झटकों का सामना करना पड़ता है.

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को कहा अलविदा

इससे पहले भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेसएक्स कैप्सूल पर सवार मंगलवार (भारतीय समय अनुसार) होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को अलविदा कहा था. कैप्सूल भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े 10 बजे के करीब अंतरराष्ट्रीय केंद्र से अलग हुआ. बुधवार अहले सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर फ्लोरिडा तट पर उतरने का कार्यक्रम है. नासा ने इस सप्ताह के अंत में अनिश्चित मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए उन्हें थोड़ा पहले ही लौटने की योजना पर अमल करा दी.

अंतरिक्ष में सुनीता और विल्मोर ने ऐसे बिताए समय

बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष केंद्र में एक सप्ताह के लिए गए थे, लेकिन उन्हें वहीं 9 महीने बिताने पड़े. अंतरिक्ष में प्रवास के दौरान उन्होंने कई तरह के प्रयोग किए, उपकरण ठीक किए और साथ में अंतरिक्ष में चहलकदमी भी की. नौ अंतरिक्ष चहलकदमी में 62 घंटे बिताकर सुनीता विलियम्स ने एक रिकॉर्ड बनाया है.  साथ ही सबसे अधिक समय तक अंतरिक्ष में समय बिताने वाली महिला होने का भी रिकॉर्ड उनके नाम दर्द हो गया है. 

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