Russia Celebrates Zelensky Insult: रूस ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस पर प्रसन्नता जाहिर की. मॉस्को का मानना है कि जेलेंस्की को उनके आचरण के अनुसार ही जवाब मिला. यह घटनाक्रम रूस के लिए फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि वह ट्रंप के संभावित नए प्रशासन के साथ संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर, जेलेंस्की की छवि को कमजोर करने का भी प्रयास कर रहा है.
पूर्व रूसी राष्ट्रपति और वर्तमान में रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने जेलेंस्की पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस में “एक जोरदार तमाचा” मिला है. ट्रंप और उनके संभावित उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ज़ेलेंस्की पर अमेरिका के प्रति असम्मानजनक होने का आरोप लगाया था.
रूस की प्रतिक्रिया और कटाक्ष
रूस के अधिकारियों ने ज़ेलेंस्की की स्थिति को लेकर कई टिप्पणियां कीं. मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा कि जेलेंस्की को ओवल ऑफिस में “क्रूर तरीके से बेइज्जत किया गया”. वहीं, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने इस पूरी घटना पर व्यंग्य करते हुए कहा कि यह एक चमत्कार ही था कि ट्रंप और वेंस ने बहस के दौरान जेलेंस्की पर हमला नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि जेलेंस्की उसी हाथ को काट रहे हैं, जिसने उन्हें मदद दी थी.
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रूस लंबे समय से ज़ेलेंस्की को एक अमेरिकी कठपुतली के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है. मॉस्को का कहना है कि जेलेंस्की अपने स्वार्थ के लिए अमेरिकी समर्थन पर निर्भर हैं और वही कर रहे हैं जो उन्हें कहा जाता है. हालांकि, जेलेंस्की ने इन आरोपों को खारिज किया और स्पष्ट किया कि वह अपने देश को रूस के आक्रमण से बचाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
यूक्रेन और पश्चिमी देशों की चिंता
मॉस्को और वॉशिंगटन के बीच बढ़ती निकटता से यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों में चिंता बढ़ रही है. उन्हें डर है कि ट्रंप और पुतिन के बीच यदि कोई समझौता होता है, तो यह यूक्रेन के लिए नुकसानदेह हो सकता है और उसकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले भी जेलेंस्की की वैधता पर सवाल उठाए थे, यह तर्क देते हुए कि उनका पांच साल का कार्यकाल पिछले वर्ष समाप्त हो चुका है. यूक्रेन में 2022 से जारी युद्ध के कारण चुनाव कराना संभव नहीं हुआ, क्योंकि देश मार्शल लॉ के तहत है. ट्रंप ने भी हाल ही में पुतिन के इस दावे को दोहराते हुए जेलेंस्की को “चुनाव के बिना तानाशाह” कहा.
जेलेंस्की की स्थिति पर प्रभाव
व्हाइट हाउस में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को एक कठिन स्थिति में डाल दिया है. तीन साल से जारी युद्ध के दौरान यूक्रेन अमेरिका द्वारा दी गई सैन्य सहायता और हथियारों पर बहुत अधिक निर्भर रहा है. क्रेमलिन के पूर्व सलाहकार सर्गेई मार्कोव ने कहा कि इस बहस ने ज़ेलेंस्की के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित किया है और उनके सफर के अंत को करीब ला सकता है. कुछ रूसी अधिकारी पहले से ही इस स्थिति का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि उनका मानना था कि जेलेंस्की की जगह किसी अन्य नेता के साथ शांति समझौता करना अधिक आसान होगा.
रूस की संसद के ऊपरी सदन के उपाध्यक्ष कोंस्टेंटिन कोसाच्योव ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस बहस के बाद जेलेंस्की की असली छवि सामने आ गई है और उनकी कमजोरियां उजागर हो गई हैं. व्हाइट हाउस में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुए टकराव से रूस को रणनीतिक रूप से लाभ मिला है. मॉस्को ने इस मौके का इस्तेमाल यूक्रेनी राष्ट्रपति को कमजोर करने के लिए किया, जबकि अमेरिका और यूरोप के लिए यह संकेत है कि ट्रंप के संभावित प्रशासन में रूस के साथ संबंधों में बदलाव आ सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह घटनाक्रम यूक्रेन, अमेरिका और रूस के रिश्तों को कैसे प्रभावित करेगा.
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