Pausa Month 2025 Vrat Tyohar: हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना ‘पौष’ दिसंबर और जनवरी के बीच आता है. यह महीना तप, दान और पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस बार पौष माह 05 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 03 जनवरी 2026 को समाप्त होगा. यह समय भक्ति, अनुशासन और शरीर–मन की शुद्धि का प्रतीक माना जाता है.
पौष महीने में आने वाले व्रत और त्योहार
पौष माह में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ते हैं, जिनका आध्यात्मिक महत्व बहुत ज्यादा है. यहाँ इस महीने के प्रमुख व्रत-त्योहार की तारीखें दी गई हैं:
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- 05 दिसंबर (शुक्रवार) – रोहिणी व्रत
- 07 दिसंबर (रविवार) – संकष्टी चतुर्थी
- 11 दिसंबर (गुरुवार) – कालाष्टमी
- 15 दिसंबर (सोमवार) – सफला एकादशी
- 16 दिसंबर (मंगलवार) – धनु संक्रांति
- 17 दिसंबर (बुधवार) – प्रदोष व्रत
- 18 दिसंबर (गुरुवार) – मासिक शिवरात्रि
- 19 दिसंबर (शुक्रवार) – अमावस्या
- 21 दिसंबर (रविवार) – चंद्र दर्शन
- 22 दिसंबर (सोमवार) – सोमवार व्रत
- 24 दिसंबर (बुधवार) – चतुर्थी व्रत, क्रिसमस ईव
- 25 दिसंबर (गुरुवार) – मालवीय जयंती, क्रिसमस
- 26 दिसंबर (शुक्रवार) – षष्ठी
- 27 दिसंबर (शनिवार) – गुरु गोबिंद जयंती
- 28 दिसंबर (रविवार) – दुर्गा अष्टमी व्रत
- 30 दिसंबर (मंगलवार) – वैकुंठ एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी
- 01 जनवरी (गुरुवार) – रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, नव वर्ष
- 02 जनवरी (शुक्रवार) – हजरत अली का जन्मदिन
- 03 जनवरी (शनिवार) – श्री सत्यनारायण व्रत, माघ स्नान आरंभ, पौष पूर्णिमा
पौष माह का धार्मिक महत्व
पौष महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस समय सूर्य उपासना करने से सफलता, सम्मान और सौभाग्य जल्दी मिलता है. इसके अलावा, यह महीना पितरों के तर्पण के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है. पौष में पिंडदान या तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और कुंडली में मौजूद पितृ दोष से मुक्ति मिलने की भी मान्यता है.

