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नेतन्याहू ने ये क्या किया! ऐसे आदमी को मोसाद चीफ बनाया, जिसने खुफिया विभाग में कभी काम ही नहीं किया

Israel New Mossad Chief Roman Gofman: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैन्य सचिव मेजर जनरल रोमन गोफमैन को मोसाद का अगला प्रमुख नियुक्त किया है. वे मौजूदा मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया की जगह लेंगे. गोफमैन उस एजेंसी से नहीं आते जिसे वे अब नेतृत्व करेंगे.

Israel New Mossad Chief Roman Gofman: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को अपने सैन्य सचिव मेजर जनरल रोमन गोफमैन को मोसाद का अगला प्रमुख नियुक्त किया. मोसाद इजरायल की वह खुफिया एजेंसी है जो विदेशों में संचालन की जिम्मेदारी संभालती है. गोफमैन मौजूदा मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया की जगह लेंगे, जिनका पाँच वर्षीय कार्यकाल जून 2026 में समाप्त हो जाएगा. मोसाद से बाहर के व्यक्ति गोफमैन को चुनने का मतलब है कि नेतन्याहू ने बार्निया द्वारा सुझाए गए दो उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया. नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न उम्मीदवारों से मुलाकात करने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने सैन्य सचिव मेजर जनरल रोमन गोफमैन को इजराइल राज्य की मोसाद एजेंसी के निदेशक पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया है. 

वे उस एजेंसी से नहीं आते जिसे वे अब नेतृत्व करेंगे, लेकिन उनकी नियुक्ति को वैसी राजनीतिक आलोचना नहीं मिली जैसी शिन बेट प्रमुख की नियुक्ति पर देखने को मिली थी. हालांकि यह नियुक्ति वरिष्ठ पदों की नियुक्ति के लिए बनी सलाहकार समिति को समीक्षा के लिए भेजी गई है. गोफमैन की नियुक्ति पर ज़्यादा विरोध की उम्मीद नहीं है, जबकि शिन बेट घरेलू सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख के रूप में पूर्व आईडीएफ जनरल डेविड जीनी की नियुक्ति पर हफ्तों तक कानूनी याचिकाएँ और अपीलें हुई थीं. अंततः जीनी को अक्टूबर में पद की शपथ दिलाई गई. लेकिन इनके नाम पर बड़ी चर्चाएं हो रही हैं. तो आइए मिलते हैं, नए मोसाद चीफ से…

रोमन गोफमैन कौन हैं? उनका करियर

गोफमैन का जन्म 1976 में बेलारूस में हुआ था और वे 14 वर्ष की आयु में इजरायल आ गए. उन्होंने 1995 में सेना की आर्मर्ड कॉर्प्स में भर्ती होकर अपने सैन्य करियर की शुरुआत की थी. बाद में वे 188वीं आर्मर्ड ब्रिगेड में टैंक कमांडर बने. 2011 में वे 7वीं आर्मर्ड ब्रिगेड की 75वीं बटालियन के कमांडर थे और 2013 में उन्होंने 36वीं डिविज़न के ऑपरेशन अधिकारी के रूप में कार्य किया. 2015 में गोफमैन वेस्ट बैंक में एत्सियोन रीजनल ब्रिगेड के प्रमुख बने, उस समय आतंकवादी हमलों की बड़ी लहर चल रही थी. 2017 में वे दोबारा आर्मर्ड कॉर्प्स में लौटकर 7वीं आर्मर्ड ब्रिगेड का नेतृत्व करने लगे.

2020 में उन्हें 210वीं बाशान रीजनल डिविजन का कमांडर बनाया गया, जो सीरिया सीमा की जिम्मेदारी संभालती है. 2022 में गोफमैन दक्षिणी इजरायल के त्ज़ेएलिम ट्रेनिंग बेस के प्रमुख बने. 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान वे गाजा सीमा की ओर दौड़े और स्डेरोट के पास शार हानेगेव जंक्शन पर हमास आतंकियों से मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गए. चोट से उबरने के बाद वे प्रशिक्षण केंद्र के प्रमुख पद से हटे और थोड़े समय के लिए रक्षा मंत्रालय के COGAT (समन्वय प्राधिकरण) में चीफ ऑफ स्टाफ बने. 2024 में उन्हें नेतन्याहू का सैन्य सचिव नियुक्त किया गया. अब उन्हें मोसाद का निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.

नेतन्याहू की हो रही आलोचना

नेतन्याहू अपने कार्यकाल में क्रांतिकारी कदम उठा रहे हैं. खासकर 7 अक्टूबर के हमास हमले के बाद से. गोफमैन उन कई वरिष्ठ अधिकारियों में से नवीनतम हैं जिन्हें सेना के बाहर शीर्ष पद दिया गया है. इससे पहले जीनी, जो आईडीएफ के प्रशिक्षण कमान प्रमुख थे, उनको शिन बेट का प्रमुख बनाया गया. इसी तरह, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी योरेम हलेवी को COGAT का प्रमुख नियुक्त किया गया.

प्रमुख वामपंथी इजरायली अखबार हारेत्ज के कॉलमिस्ट उरी मिसगैव उन कुछ लोगों में से थे जिन्होंने इस नियुक्ति की आलोचना की. उन्होंने कहा कि खुफिया अनुभव की कमी के कारण गोफमैन मोसाद प्रमुख बनने के योग्य नहीं हैं. मिसगैव ने यह भी कहा कि डेविड जीनी की तरह ही गोफमैन की नियुक्ति का सबसे बड़ा कारण उनकी नेतन्याहू के प्रति निष्ठा है. नेतन्याहू के कार्यालय के बयान में कहा गया, “गोफमैन एक अत्यंत योग्य अधिकारी हैं.” बयान में यह भी कहा गया कि युद्धकाल में प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति ने उनकी “असाधारण पेशेवर क्षमताओं को साबित किया.”

मोसाद प्रमुख के तौर पर सैन्य अधिकारियों की नियुक्ति पहले भी

एक सैन्य जनरल का मोसाद प्रमुख बनना दुर्लभ है, लेकिन इससे पहले भी ऐसा हो चुका है. मेयर डागन, 1963 से 1996 तक सेना में रहे. उनको 2002 में मोसाद प्रमुख बनाया गया था और वे 2011 तक उस पद पर रहे. डैनी यातोम, 1963 से 1996 तक आईडीएफ में रहे और प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव भी रहे. वे सेना छोड़ते ही मोसाद प्रमुख बने और 1998 तक एजेंसी का नेतृत्व किया.

मोसाद की भूमिका और पृष्ठभूमि

दुनिया की सबसे बेहतरीन खुफिया सेवाओं में गिनी जाने वाली मोसाद 7 अक्टूबर के हमले की खुफिया विफलता के लिए जिम्मेदार नहीं थी, क्योंकि फिलस्तीनी क्षेत्र पारंपरिक रूप से उसके संचालन दायरे में नहीं आते. इस हमले के बाद शिन बेट और अमन (सैन्य खुफिया) के प्रमुखों ने अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए इस्तीफा दे दिया था. वहीं मोसाद ने 7 अक्टूबर के बाद से चल रहे बहु-फ्रंट युद्ध में इजरायलियों के बीच अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखी. 2024 में उसने लेबनानी उग्रवादी संगठन हिज्बुल्लाह के कई शीर्ष कमांडरों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, साथ ही जून में तेहरान के खिलाफ इजरायल द्वारा छेड़े गए 12-दिवसीय युद्ध में ईरानी सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाने में भी योगदान दिया.

शिन बेट घरेलू सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख के रूप में धार्मिक ज़ायनिस्ट आंदोलन से जुड़े सैन्य अधिकारी डेविड जीनी की नियुक्ति के बाद, नेतन्याहू ने अब एक और ऐसे व्यक्ति को बड़े पद पर नियुक्त किया है जो उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा से निकटता रखते हैं. हालांकि गोफमैन धार्मिक यहूदियों की तरह यर्मुलके (टोपी) नहीं पहनते. हालांकि उन्होंने एली येशिवा में शिक्षा प्राप्त की है (यह एक यहूदी धार्मिक स्कूल है जो कब्जे वाले वेस्ट बैंक में स्थित है और अपने दक्षिणपंथी धार्मिक जायनिस्ट रुख के लिए जाना जाता है) जीनी की तरह ही गोफमैन भी उस एजेंसी से नहीं आते जिसे वे अब नेतृत्व करने जा रहे हैं, हालांकि उनकी नियुक्ति को उतना राजनीतिक विवाद नहीं झेलना पड़ा जितना शिन बेट प्रमुख की नियुक्ति को.

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प्रभात खबर पॉडकास्ट पर रवि शास्त्री 7 दिसंबर को.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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