Pakistan Asim Munir 1st CDF: पाकिस्तान की सैन्य नेतृत्व संरचना में एक बड़ा बदलाव गुरुवार, 4 दिसंबर को हुआ. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स फोर्सेज (CDF) के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के ऑफिस ने इसका नोटिफिकेशन सोशल मीडिया पर शेयर किया. सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को पाँच साल की अवधि के लिए पाकिस्तान का पहला CDF नियुक्त किया गया है. जरदारी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भेजे गए उस प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) मुनीर को पाकिस्तान का पहला CDF नियुक्त करने का औपचारिक अनुरोध किया गया था. यानी वे अब आर्मी चीफ के साथ देश के पहले CDF भी होंगे. इसके अलावा, एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्दू को भी दो साल का विस्तार मंजूर किया गया है.
राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान में कहा, “राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर NI(M), HJ, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को पाँच साल की अवधि के लिए एक साथ चीफ ऑफ डिफेन्स फोर्सेज नियुक्त किया गया है.” मुनीर को COAS और CDF दोनों के पद पर पदोन्नत करने के बाद उनके नए पद का कार्यकाल पाँच साल होगा. इससे मुनीर पहले ऐसे सैन्य अधिकारी बन गए हैं जो एक साथ दोनों महत्वपूर्ण पद संभालेंगे. इसे पाकिस्तान की रक्षा व्यवस्था के शीर्ष स्तर पर शक्तियों के एकीकरण के रूप में देखा जा रहा है.
27वां संविधान संशोधन के तहत हुई नियुक्ति
पिछले महीने संसद ने 27वां संविधान संशोधन पारित किया था, जिसके तहत CDF का पद सृजित किया गया. इसका उद्देश्य कमान में एकरूपता स्थापित करना और किसी भी गंभीर परिस्थिति में निर्णय प्रक्रिया को तेज करना है. CDF ने चेयरमैन, ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के पद को प्रतिस्थापित किया है, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है. इस्लामाबाद से जारी राष्ट्रपति कार्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति ने मुनीर को शुभकामनाएँ भी दीं. इस नए परिवर्तन के बाद आसिम मुनीर पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुख बन गए हैं. 27वां संविधान संशोधन CDF को सैन्य कमान के ढांचे में सबसे ऊपर रखता है, इससे उसे राष्ट्रीय रणनीतिक कमांड पर कंट्रोल मिलता है. इसके साथ ही उसे संवैधानिक रूप से भी कई छूट मिल जाती हैं.
देरी ने मचाई थी हलचल
औपचारिक अधिसूचना जारी होने के फैसले ने CDF की नियुक्ति में देरी को लेकर चल रही अफवाहों को समाप्त कर दिया है. यह अधिसूचना 27 नवंबर से लंबित थी, जब आखिरी CJCSC जनरल साहिर शमशाद मिर्जा सेवानिवृत्त हुए थे. इससे पहले, कानून मंत्री आजम नजीर तारड़ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि CDF की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने में कोई कानूनी या राजनीतिक बाधा नहीं है और यह अधिसूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी.

एयर चीफ मार्शल को दो साल का सेवा विस्तार
वहींं पाकिस्तान ने वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्दू की सेवा अवधि में दो साल के विस्तार को भी मंजूरी दी है. एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्दू का कार्यकाल मार्च 2026 में उनके मौजूदा पाँच साल के टैन्योर के पूरा होने के बाद लागू होगा. इन दोनों फैसलों के बाद पाकिस्तान की सैन्य संरचना में बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है.
भविष्य के आश्वासन से हुई देरी
इस प्रक्रिया में हाल के हफ्तों में असामान्य देरी हुई. इससे काफी सवाल खड़े हो रहे थे. हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री पहले ही फील्ड मार्शल मुनीर को सेना प्रमुख और CDF नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुके थे, जिसे बाद में राष्ट्रपति भवन भेजा गया. यह देरी उन आरोपों के बीच सामने आई, जिनमें दावा किया गया कि पीएमएल-एन नेतृत्व राजनीतिक गारंटी, प्रमुख सैन्य नियुक्तियों पर प्रभाव और भविष्य की सरकार से जुड़ी आश्वासन हासिल करने की कोशिश कर रहा था.
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