SEBI भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने प्रसिद्ध स्टॉक मार्केट ट्रेनर अवधूत साठे और उनकी कंपनी अवधूत साठे ट्रेडिंग अकादमी प्रा. लिमिटेड (ASTAPL) पर बड़ा शिकंजा कसा है. SEBI ने उन्हें बाजार में प्रतिबंधित करते हुए ₹546 करोड़ की वसूली का आदेश दिया है. यह रकम SEBI के मुताबिक बिना पंजीकृत निवेश सलाहकार गतिविधियों से अर्जित की गई थी. आइए जानते हैं अवधूत साठे से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें और SEBI की कार्रवाई के बारे में विस्तार से:
अवधूत साठे कौन हैं?
अवधूत साठे ने 2008 में अवधूत साठे ट्रेडिंग अकादमी (Avadhut Sathe Trading Academy) की स्थापना की, जो भारत की सबसे प्रमुख स्टॉक मार्केट ट्रेनिंग संस्थाओं में से एक बन गई. पिछले 16 वर्षों से वह ट्रेडिंग सेमिनार, वर्कशॉप और मेंटरशिप प्रोग्राम चलाते आ रहे हैं और खुद को “फाइनेंशियल ट्रेडर, ट्रेनर और मेंटर” के रूप में स्थापित किया है. साठे कई वित्तीय संस्थाओं से जुड़े हैं, जिनमें SADHAN Advisors LLP, SADHAN Ventures और VentureIntellect Solutions Pvt Ltd शामिल हैं. उनका मुख्यालय मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र (MMR) में है, जहां से वे हजारों रिटेल मार्केट प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करते हैं. साठे ने मुंबई विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स में बी.ई. किया है और NCST से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त किया है.
SEBI की जांच और आरोप
SEBI ने पाया कि अवधूत साठे और उनकी कंपनी ASTAPL ने ग्राहकों से लगभग ₹601.37 करोड़ की राशि इकट्ठा की. जांच में यह भी सामने आया कि प्रशिक्षण के नाम पर कोर्स प्रतिभागियों को कुछ खास स्टॉक्स में ट्रेड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था. SEBI के अनुसार, यह शिक्षा नहीं बल्कि बिना पंजीकृत सलाहकार के निवेश संबंधी खरीद-फरोख्त की सलाह थी, जिसके लिए फीस ली जाती थी. साथ ही, SEBI ने यह भी नोट किया कि अकादमी केवल लाभकारी ट्रेड्स को दिखाकर निवेशकों को गुमराह करती थी और लाइव मार्केट डेटा का उपयोग कर नए छात्रों को आकर्षित किया जाता था. साठे और ASTAPL को बिना पंजीकृत सलाहकार के तौर पर निवेश सलाह देने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
SEBI ने क्या आदेश दिए?
- बिना पंजीकरण के निवेश सलाहकार गतिविधियों पर तुरंत रोक.
- पिछले मुनाफे और सफलताओं का प्रचार प्रतिबंधित.
- प्रशिक्षण के दौरान लाइव मार्केट डेटा के उपयोग पर पाबंदी.
- निवेशकों को भ्रमित करने वाले प्रचार को बंद करने का आदेश.
- SEBI ने बताया कि ये कड़े कदम निवेशकों को और नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक हैं.
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