Pakistan Navy Warship: रविवार, 21 दिसंबर 2025 को पाकिस्तान नौसेना ने इस्तांबुल में PNS खैबर को कमिशन किया. यह कदम सिर्फ एक नई नौसैनिक ताकत जोड़ना नहीं है, बल्कि पाकिस्तान और तुर्की के बीच बढ़ते हुए रक्षा सहयोग का चिह्न भी है. इस नए जहाज के शामिल होने से पाकिस्तान की सतही नौसैनिक ताकत मजबूत हुई है और दोनों देशों के बीच तकनीकी और रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया गया है.
Pakistan Navy Warship in Hindi: कमिशनिंग समारोह में शामिल प्रमुख लोग
कमिशनिंग समारोह इस्तांबुल नेवल शिपयार्ड में आयोजित किया गया. इस अवसर पर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन और पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ मौजूद थे. PNS खैबर, पाकिस्तान के लिए तुर्की में बने MILGEM क्लास का दूसरा युद्धपोत है. समारोह में तुर्की की सरकारी मीडिया ने बताया कि यह जहाज पाकिस्तान को सौंपकर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग का एक और महत्वपूर्ण पड़ाव पूरा हुआ है.
MILGEM युद्धपोत की खासियत
MILGEM युद्धपोत अत्याधुनिक तकनीक से लैस है. पाकिस्तान के अनुसार, ये जहाज आधुनिक कमांड और कंट्रोल सिस्टम, आधुनिक हथियार और संवेदनशील सेंसर से सुसज्जित हैं. PNS खैबर में वायु रक्षा प्रणालियाँ, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण और एंटी-शिप मिसाइलें हैं. इन सभी खूबियों से पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत अब और मजबूत हुई है.
ASFAT से चार कोरवेट्स खरीदने का अनुबंध किया था
जुलाई 2018 में पाकिस्तान ने तुर्की की सरकारी रक्षा कंपनी ASFAT से चार कोरवेट्स खरीदने का अनुबंध किया था. MILGEM प्रोजेक्ट तुर्की का बहुउद्देश्यीय युद्धपोत कार्यक्रम है, जिसमें निगरानी, पूर्व चेतावनी, पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतही युद्ध और समुद्री अभियान जैसी क्षमता शामिल है. पहला जहाज, PNS बाबर, 2023 में पाकिस्तान को सौंपा गया. अब दूसरा जहाज, PNS खैबर, 2025 में सौंपा गया. बाकी दो जहाज पाकिस्तान में तकनीकी हस्तांतरण के साथ 2026 और 2027 में तैयार होंगे.
At a ship delivery ceremony held at the İstanbul Naval Shipyard Command, the MILGEM corvette PNS Khaibar was officially handed over to Pakistan marking yet another milestone in bilateral defense cooperation.
— Türkiye in Pakistan (@TC_IslamabadBE) December 20, 2025
Addressing the ceremony, H.E. President Recep Tayyip Erdoğan… pic.twitter.com/vlRJq8TIXe
Pakistan Navy Warship PNS Khaibar Commissioned: तुर्की-पाकिस्तान दोस्ती और रणनीतिक सहयोग
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि तुर्की-पाकिस्तान दोस्ती, जो सदियों पुरानी है, हमेशा मजबूत रहेगी और विकसित होती रहेगी. तुर्की ने पाकिस्तान को केवल युद्धपोत नहीं दिए, बल्कि डिजाइन और बौद्धिक संपत्ति के अधिकार भी सौंपे हैं. इससे पाकिस्तान भविष्य में अपनी फ्रिगेट्स, जैसे Jinnah-class, विकसित कर सकेगा. तुर्की के लिए यह सौदा उसकी रक्षा निर्यात क्षमता को दिखाता है और ‘ब्लू होमलैंड’ नीति के तहत अरब सागर में प्रभाव बढ़ाने में मदद करता है. (Pakistan Navy warship PNS Khaibar Commissioned in Hindi)
भारत के लिए रणनीतिक चुनौती
तुर्की-पाकिस्तान नौसैनिक साझेदारी से भारत के लिए भारतीय महासागर क्षेत्र में रणनीतिक स्थिति जटिल हो सकती है. 2025 में भारत के ऑपरेशन सिंडूर और पहलगाम आतंकवादी हमलों के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया. इसके अलावा, यिहा (YIHA) कमिकाज ड्रोन्स का प्रयोग भारत के खिलाफ किया गया, लेकिन भारतीय सेना ने इसे सफलतापूर्वक नाकाम किया. तुर्की ने पाकिस्तान का खुले तौर पर समर्थन किया, जिससे भारत की आलोचना हुई.
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